फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं।परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है।
तुलसीदास

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