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  1. वाह
    ...and when your autograph is changed to signs you are known as Musharrafs...
    :)

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  2. @प्रवीण पाण्डेय, @Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, @डॉ॰ मोनिका शर्मा

    ब्लॉग में इस कथ्य को पेश करने को यदि मेरी सहमति का प्रतीक ना माना जाए तो ........क्या ऐसा नहीं लगता इस कथ्य की छाँव में सीमित सफलता का तुरत फुरत हिट फोर्मुला आजमाने का दांव दिखलाई पड़ रहा है ?
    (मात्र एक जिज्ञासा)

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  3. .आपकी जिज्ञासा का उत्तर कोई दार्शनिक ही दे सकता है ।
    काजल कुमार की बात चुटीलापन लिये पर है तो सही !

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  4. मॉडरेशन हटा दिया... अब नियमित आता रहूँगा !

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  5. हमरा न दस्कत के कउनो भैलू है न ऊ का कहत आटोगराफ़ कै !

    वैसे ई मुलुक मा बाबू के दस्कत सबते कीमती हैं !

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  6. बात एक हद तक सही है पर दस्तखत ऑटोग्राफ बने बिना भी सफल लोग बहुत हैं... :)

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  7. sabse badiya
    http://shayaridays.blogspot.com

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  8. बहुत बढ़िया. अब से मैं सिग्नेचर की जगह सीधे औटोग्राफ ही किया करूंगा:)

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  9. प्रवीण जी हस्ताक्षर को ऑटो ग्राफ बनाने में बहुत ही संघर्ष की आवश्यकता है

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  10. सही है .....
    हार्दिक शुभकामनायें ..

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  11. क्या बात है ! आपकी बात में दम है!

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