मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
34- आज की कहानी का शीर्षक– भुलक्कड़ दीदी


मीना के गाँव में रहने वाली गीता दीदी बहुत ही भुलक्कड़ हैं । आज मीना उन्हीं के घर उनकी बेटी, महक जो ९ महीने की है, से मिलने जाती है। गीता दीदी मीना को महक के पास छोड़कर बाज़ार नमक लाने चली जाती हैं ।

और अगले दिन ..... (लाला की दुकान पर मीना की, गीता दीदी से फिर मुलाकात हो जाती है ।)
मीना – अरे! गीता दीदी आज आप फिर से नमक खरीद रहीं
हैं। आपने कल ही तो नमक खरीदा था न ।

गीता दीदी –हाँ दीना....
मीना- दीना नहीं दीदी....मीना ...मीना ...

गीता दीदी- हाँ हाँ ...मीना! कल मैं नमक खरीदने निकली तो थी लेकिन शोभा काकी से गप्पें मरने में भूल गयी,और वापस घर चली गयी।

मीना गीता दीदी से कहती है कि उसकी दादी ने उसे बातें याद रखने का एक बहुत ही अच्छा तरीका बताया है-अपनी उँगली पर एक छोटा धागा बाँधने का।

अगले दिन.....(हैंडपम्प पर मीना की मुलाकात फिर से गीता दीदी से हो जाती है ।)
मीना – महक कैसी है? गीता दीदी!
गीता दीदी –शीना!
मीना – शीना नहीं दीदी ...मीना ।
गीता दीदी –हाँ...मीना,महक अच्छी है ....माँजी उसके लिए जुराब बना रही हैं। (उँगली दिखाते हुए) देखो मीना! मैंने बातें याद रखने के लिए अपनी उँगली पर धागा बाँध लिया है ।

कुछ दिनों बाद .....(मीना गीता दीदी के घर यह सोच कर जाती है कि देंखें दीदी को अब याद रहता है कि नहीं )
गीता दीदी के घर पहुँच कर मीना देखती है कि गीता दीदी अपने आप से बात करते हुए कुछ याद करने की कोशिश कर रही हैं ।



मीना – अरे! गीता दीदी ये आप अपने आप से क्या बात कर रही हैं।
गीता दीदी- देखों न (अपनी उँगली दिखाते हुए) ये मैंने याद रखने के लिए तीन धागे बांधे थे ...पहला – माँजी की दवा के लिए ,दूसरा .....और ...तीसरा याद ही नहीं आ रहा। घर में सबसे पूँछा...पर किसी को नहीं पता।

(गीता दीदी यह सोच कर कि कुछ याद आ जाये, मीना को साथ लेकर गाँव की सैर पर निकल जाती हैं।)
रास्ते में लीला भाभी मिलती हैं, वह अपने बेटे संजू,जो ९ महीने का ही है,को खसरे का टीका व विटामिन ‘A’ की खुराक दिलाने स्वास्थ्य केंद्र जा रही हैं।

लीला भाभी- (गीता दीदी से) महक को ९ महीने पर टीका लगवाया की नहीं।
गीता दीदी – अरे हाँ! दुसरा धागा मैंने टीके की याद रखने के लिए ही तो बांधा था।
लीला भाभी- विटामिन ‘A’ की खुराक दिलाना मत भुलाना।

(गीता दीदी मीना के साथ टीका लगवाने A.N.M. सेण्टर पहुँचती हैं ।)
नर्स दीदी महक को खसरे का टीका व विटामिन ‘A’ की खुराक देती हैं और अगला टीका लगवाने की तिथि टीकाकरण कार्ड पर लिख देती हैं ।

मीना –गीता दीदी...तीसरा धागा!
गीता दीदी – दूसरे धागे की बात याद रखने के लिए।(हा!हा!हा!)



आज का गीत –

एक पहेली पूँछूं मैं....बतलाओगे....।
बतलाऊंगा........
घडी हमें क्या कहती है....सिखलाओगे।
सिखलाऊंगा......।



आज का खेल - ‘अक्षरों की अन्त्याक्षरी’

हैरान

ह- हलवाई
र- रेशम (धागा)
न- नारंगी (रसीला फल)



मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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