मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
45 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘टीकाकरण का महत्व'


मीना के गाँव में हर साल गर्मियों को छुट्टियों में लडके और लड़कियों के बीच मुकाबला होता है,जो पूरे तीन दिन तक चलता है।

इस कारण इसे ‘तिगुना मजा’ कहते हैं।  पहला मुकाबला (कृष्णा और मीना के बीच ) पहेली बूझ, दूसरा मुकाबला (सुनील और मिली के बीच) डिब्बे में कंचे डालने का, परिणाम गीता दीदी बताते हुए कहती है कि पहला मुकाबला मीना ने और दूसरा मुकाबला सुनील ने जीता है......और तीसरा मुकाबला कल होगा दीपू और रीना के बीच, जिसका नाम होगा ‘खजाने की खोज’।

रीना की छोटी बहन को टीका लगने के कारण बुखार हो गया है तो उसकी देखभाल करने के कारण, मैदान पर नहीं पहुंची है।  दीपू खुश है कि इस कारण मुकाबला वो मुकाबला आसानी से जीत जायेगा।

मीना- दीपू, रीना कल जरूर खेलेंगे।

.......और अगले दिन
गीता दीदी सबको अमरुद धुलकर, खाने को देती हैं पर रीना खाने से मना कर देती है क्योंकि उसे लगता है कि अमरूद के बीज उसके दांतों में फँस जायेंगे ।

गीता दीदी घोषणा करती हैं कि मुकाबला आधे घंटे में शुरू होगा ।  मुकाबले का नाम है ‘खजाने की खोज’ क्योंकि दोनों टीमों को रेत के टीले में दबी डिबिया खोजनी है।  जो डिबिया पहले खोजेगा वही विजेता होगा।

रीना को लगता है की रेत में हाथ डालने से उसके नाखूनों में रेत भर जायेगा।  मीना, दस्ताने पहनकर मुकाबले में भाग लेने की सलाह देती है।  दोनों दीदी को बोलकर रीना के घर की और दौड़ लगा देती हैं।

मीना- चाची जी पारो की तबियत कैसी है ?
चाची- टीका लगाने के कारण पारो को बुखार हो गया है।

(रीना अन्दर से दस्ताने लेकर आती है)
रीना – माँ, तो फिर टीका लगवाया ही क्यों?

रीना की माँ समझाती हैं की अक्सर टीका लगने के बाद बच्चों को बुखार हो जाता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की टीका लगवाया ही ना जाए, क्योंकि टीका लगने से उसे खतरनाक बीमारियों से बचाया जा सकता है।
रीना को बात समझ आ जाती है वो बिना दस्ताने के ही मुकाबले में भाग लेती है।  ...और मुकाबला जीत ने पर डिबिया पाकर बहुत खुश है क्योंकि डिबिया में चाबी है जिससे गुल्लक खुलती है।

मीना- रीना, तुमने दस्ताने क्यों नहीं पहने ?
रीना – बड़े फायदे के लिए छोटी तकलीफ सहने में ही समझदारी है।
(दोनों सहेलियां हंस पड़ती है। )

आज का गीत-
‘एक पहेली पूँछो बतलाओगे ।
बतलाऊंगा...............
घडी हमें क्या कहती है सिखलाओगे।
सिखलाऊंगा.............’


आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’

अक्षर-‘स’
व्यक्ति- सलमान खान (अभिनेता)
जानवर- सांड
वस्तु- सुराही
जगह- सीतापुर (भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर)



मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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