व्यवस्था की खामियों का ठीकरा शिक्षकों के मत्थे : कितना प्रासंगिक? कितना प्रामाणिक?
व्यवस्था की खामियों का ठीकरा शिक्षकों के मत्थे : कितना प्रासंगिक? कितना प्रामाणिक?

मीडिया और समाज की नज़र में पिछले कुछ समय से शिक्षकों की छवि बिगड़ी या यूं कहें कि बिगाड़ी जा रही है। शिक्षा का अधिकार कानून RTE -2009 आने के ...

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मीना की दुनिया के नन्हे पाठकों और श्रोताओं के शिक्षकों के लिए एक निवेदन
मीना की दुनिया के नन्हे पाठकों और श्रोताओं के शिक्षकों के लिए एक निवेदन

मीना की दुनिया के नन्हे पाठकों और श्रोताओं के शिक्षकों के लिए 1.  बच्चों से पूछें कि उन्हें मीना की यह कहानियाँ मनोरंजक या शिक्षाप्...

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शादी का बंधन
शादी का बंधन

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 65- आज की कहानी का शीर्षक-‘शादी का बंधन’ मीना, दीपू के साथ स्कूल जा रही है। दीपू के हाथ में खिचड़ी से भरी...

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लाल रेल नीली रेल
लाल रेल नीली रेल

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 64 - आज की कहानी का शीर्षक-‘लाल रेल नीली रेल’ मीना की बहिन जी एक हफ्ते के लिए किसी जरूरी काम से शहर गयीं...

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काजल चली स्कूल
काजल चली स्कूल

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 63 - कहानी का शीर्षक-‘नई कहानी-काजल चली स्कूल’ मीना,सुमी दीपक और रोशनी के साथ अपने घर के बाहर उदास बैठी ह...

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जरा सुनो
जरा सुनो

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 62-  कहानी का शीर्षक- ‘जरा सुनो’ आज मीना के स्कूल में गाँधी जयन्ती की तैयारियां हो रही हैं।  बहिन जी ...

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बातचीत से बात है बनती
बातचीत से बात है बनती

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण एपिसोड 61- कहानी का शीर्षक- ‘बातचीत से बात है बनती’ मीना के स्कूल में झाँसी की रानी का नाटक होने वाला ...

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बातचीत करने की कला
बातचीत करने की कला

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 60- कहानी का शीर्षक- ‘बातचीत करने की कला’ गर्मियों की छुट्टियों के बाद आज स्कूल का पहला दिन था। मीना दी...

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रिश्ते बहुत ही नाज़ुक होते
रिश्ते बहुत ही नाज़ुक होते

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 59 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘रिश्ते बहुत ही नाज़ुक होते’ मीना के स्कूल की चार दिन बाद छुट्टियाँ होने वाल...

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बुरे काम को ना कहो
बुरे काम को ना कहो

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 58 - आज की कहानी का शीर्षक- “बुरे काम को ‘ना’ कहो” मीना तारा के साथ स्कूल से लौट रही है। अगले हफ्ते होन...

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मूल्यांकन की आवश्यकता ही क्या और क्यों?
मूल्यांकन की आवश्यकता ही क्या और क्यों?

यदि मुख्यधारा शिक्षा में मूल्यांकन के प्रचलित तरीके को बदलना है तो कुछ बुनियादी सवालों के बारे में स्पष्टता लाने की आवश्यकता होगी। उदाहरण ...

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शैक्षिक विमर्श में मूल्यांकन बहस का सबसे गंभीर परन्तु सबसे उपेक्षित मुद्दा
शैक्षिक विमर्श में मूल्यांकन बहस का सबसे गंभीर परन्तु सबसे उपेक्षित मुद्दा

समकालीन शैक्षिक विमर्श में मूल्यांकन बहस का सबसे गंभीर परन्तु उपेक्षित मुद्दा बना हुआ है। शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) ने इसे सामयिक बहस ...

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बेटा - बेटी एक समान
बेटा - बेटी एक समान

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 57 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘बेटा-बेटी एक समान’ आज मीना और राजू बहुत खुश हैं क्योंकि उनकी बड़ी दादी ‘जमुन...

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पढ़ना बहुत जरूरी
पढ़ना बहुत जरूरी

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 56 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘पढ़ना बहुत जरूरी’ जमाल की चचेरी बहन गुड्डी(जो साथ वाले गाँव में रहती है) की ...

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लड़का लड़की एक समान
लड़का लड़की एक समान

मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण 55 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘लड़का लड़की एक समान’ मीना और रोशनी स्कूल जा रही हैं।  मीना - रोशनी जल्दी...

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पढ़ना है अधिकार सभी का
पढ़ना है अधिकार सभी का

मीना की दुनिया - रेडियो प्रसारण 53- आज की कहानी का शीर्षक- ‘पढ़ना है अधिकार सभी का’ पूरे जिले में ‘श्रीमती इंदिरा गाँधी, पर निबन्ध...

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