केस स्टडी के उद्देश्य
  •  विद्यार्थी स्वतंत्र होकर, स्वयं ही सृजनात्मक ढंग से समस्या पर विचार कर सकेंगें।
  •  वे समस्या समाधान (Problem based learning)तक पहुंचने में सक्रिय हो  सकेंगें।
  •  वे अपने पूर्व ज्ञान का प्रयोग करते हुए प्रमाणों को संग्रह कर सकेंगें।
  •  घटनाक्रम में नवीन तथ्यों को जान सकेंगे।
  •  स्वयं अपने अनुभव से सीखते हुए ज्ञान प्राप्त कर सकेंगें।
  •  व्यक्तिगत, सामाजिक संबंधों को उत्तम ढंग से स्थापित कर सकेंगे।
  •  छात्रों में अभिप्रेरण एवं अभिव्यक्ति की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
  •  छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन हो सकेगा।



केस स्टडी की विशेषताएं-

1. शिक्षण-अधिगम की समस्याओं का समाधान व्यक्तिगत रूप में किया जाता है।

2. व्यक्तिगत अध्ययन में लिखित कार्य को विशेष महत्व दिया जाता है। शिक्षक छात्र को सीखने के लिए परिस्थिति (विषयवस्तु) प्रदान करता है, जिसमें छात्र अभ्यास तथा अनुक्रिया करता है। सीखने के साथ-साथ मूल्यांकन भी किया जाता है। छात्र अपने कार्यों का स्वयं मूल्यांकन भी करता है।


3. व्यक्तिगत अध्ययन में प्रत्येक छात्र को अपने ढंग से सीखने का अवसर दिया जाता है। इस विशेषता को स्वयं गति का सिद्धान्त भी कहते है।


4. इसमें छात्र बहुआयामी माध्यमों से सीखता है। कुछ छात्र सुनकर, कुछ देखकर तथा कुछ करके अधिक सीखते है। कुछ छात्र पढ़कर तथा कुछ लिखकर अधिक सीखते है।


5. व्यक्तिगत अध्ययन में शिक्षक अधिक उत्तरदायी होता है क्योंकि उसे प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत रूप से सिखाना होता है।


6. इसके अंतर्गत प्रत्येक छात्र को उसकी कठिनाईयों को दूर करने का अवसर दिया जाता है। सीखते समय पुनर्बलन तथा निरन्तर अभिप्रेरणा दी जाती है।





केस स्टडी की उपयोगिता-
1. इससे छात्रों में अधिगम अधिक प्रभावशाली होता है। जिससे छात्रों में योग्यता तथा अध्ययन संबंधी अच्छी आदतों का विकास होता है।
2. इससे छात्रों में धारण शक्ति का विकास होता है क्योंकि जो तथ्य निकाले जाते है उन्हें छात्र स्वयं निकालता है।
3. इससे छात्रों के उपलब्धि स्तर में वृद्धि होती है जो अध्ययन के प्रति धनात्मक अभिवृत्ति का विकास करती है।

4. इससे छात्रों में अपेक्षित अभिवृत्तियों का विकास होता है।


5. विभिन्न मानसिक स्तर के छात्रों को उनके ढंग से सीखने का अवसर मिलता है।

6. बहुस्तरीय शिक्षण में भी सहायता मिलती है।



व्यक्तिगत अध्ययन छात्रों को एक सार्थक ज्ञान प्रदान करता है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के समाधान या अध्ययन के लिए किया जाता है। यह एक जटिल अधिगम का स्वरूप होता है। इसमें  सृजनात्मक चिन्तन निहित होता है और चिन्तन स्तर पर शिक्षण की व्यवस्था होती है।


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