मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-103

आज की कहानी का शीर्षक- “नाटक की तैयारी ”


कहानी के केंद्र में रोशनी है। जिसे मास्टर जी नाटक की तैयारी करा रहे हैं। मास्टर जी रोशनी को उसकी लाइनों का अभ्यास करता छोड़ चाय पीने चले जाते हैं। तभी वहां पहुंचते हैं- शरद, राकेश आमिर और फिरोज़। जो रोशनी की खिल्ली उड़ाते हैं।रोशनी को शरद,राकेश,आमिर और फिराज़ की ये हरकत बहुत बुरी लगी। वो चुपचाप वहां से बाहर चली गयी और फिर से अपनी लाइनों का अभ्यास करने लगी, “दादी मैं खेलते-खेलते गिर गई (सिसकते हुए)...देखो मेरा हाथ में चोट लगी है...।”

शरद,राकेश,आमिर और फिरोज़ बार-बार रोशनी को तंग कर रहे थे और जोर-जोर से हँस रहे थे। रोशनी दुखी होके रोने लगी। तभी रोशनी के माता-पिता ,मीना और मीना की बहिन जी वहां पहुंचे। उन्हें देखते ही चारो लड़के वहां से भाग खड़े हुए। रोशनी के पिताजी बहिनजी से बोले, ‘देखा बहिन जी, इसीलिये हम अपनी रोशनी को यहाँ नही भेजना चाहते थे।’

बहिन जी उन्हें यकीन दिलाती हैं कि ऐसी हरकत दुबारा नहीं होगी।

और फिर मीना की बहिन जी मीना को लेके पहुँची राकेश,शरद,आमिर और फिरोज़ के पास...
बहिन जी उन्हें समझाती हैं, ‘...मज़ाक और छेड़छाड़ में अंतर होता है। ये हरकत जो तुम चरों ने की है इसे मजाक नहीं छेड़छाड़ कहते हैं। और छेड़छाड़ से ना केवल लडकियों को दुःख पहुंचता है बल्कि उनके घर वाले उन पर कई तरह की रोक लगाना भी शुरु कर देते हैं।’

सभी मांफी मंगाते है। और वो चारों रोशनी के माता-पिता और रोशनी से भी मांफी मांगने जाते हैं।
रोशनी की पिताजी उन्हें एक शर्त पर माफी देने की बात करते हैं, ‘ तुम मुझसे वादा करो कि आज के बाद तुम कभी किसी लडकी से ऐसी छेड़छाड़ नहीं करोगे।’
सभी वादा करते हैं कि कभी किसी लड़की से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
मिठ्ठू चहका, “तैयारी करो बहुत सारी करो।”

मीना, मिठ्ठू की कविता-
“हर लडके को याद रहे ये बात ना जाना भूल
लड़की का सम्मान करो चाहे घर हो या स्कूल।”


आज का गाना –
हाँ लडकियों को आगे बढ़ना है क्यों रोकते हो।
क्यों कसते हो ताने-वाने,फब्तियां, क्यों टोकते हो?
हमें भी काम अपने मार्जियों का करना है
हमें भी आसमां में पंछियों सा उड़ना है।
हर एक कहानी के हर एक किस्से में हमारा हिस्सा है
और एक हिस्से में .......
तभी तो कहते हैं कि तुम और हम
बराबर- बराबर- बराबर.....
...कोई जो हमको ....तो दिल दुखता है
ख्वाब बिखर जाते हैं फिर सभी मन के
क्यों न हम रहे अच्छे दोस्त बनके
अबसे नहीं तुम सताना हमको
न कभी छेडना हमको।
क्योंकि तब तुम और हम है
बराबर-बराबर-बराबर........।

आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’

अक्षर- ‘ज’

  • व्यक्ति- जगजीत सिंह
  • वस्तु- जूता
  • जानवर- जिराफ
  • जगह- जैसलमेर


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिक से अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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