बच्चों में जिज्ञासा पैदा कर हम उनका सीखना आसान कर सकते हैं और तब हम पायेंगे कि हमारा काम आसान होता जा रहा है
बच्चों में जिज्ञासा पैदा कर हम उनका सीखना आसान कर सकते हैं और तब हम पायेंगे कि हमारा काम आसान होता जा रहा है

शिक्षक का बच्चों के प्रति स्नेह एंव शिक्षण कार्य के प्रति समर्पण प्रत्यक्ष रूप से बच्चों एवं जन समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव डालता है इसके वि...

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भाषा तो भाषा ही रहेगी, क्यों ना इसे इसे बच्चों को बच्चों की भाषा में ही पढाएं?
भाषा तो भाषा ही रहेगी, क्यों ना इसे इसे बच्चों को बच्चों की भाषा में ही पढाएं?

प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अपने घर-परिवार में बोली जाने वाली भाषा बोलते हैं। यह भाषा हिन्दी के स्वीकृत मानक खड़ी बोली से ...

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क्या वास्तव मे मूल्यांकन सिर्फ़ बच्चों का ही होता है? मूल्यांकन केवल बच्चों का ही नहीं होता वरन बच्चों द्वारा शिक्षकों का भी होता है
क्या वास्तव मे मूल्यांकन सिर्फ़ बच्चों का ही होता है? मूल्यांकन केवल बच्चों का ही नहीं होता वरन बच्चों द्वारा शिक्षकों का भी होता है

यदि आप थोड़ा सा भी सोंचे तो पायेंगे कि मानव किसी न किसी रूप मे अपना मूल्यांकन करता आया है और उस मूल्यांकन के आधार पर अपनी जीवन दशा को निर...

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सुविधादायी होने के फेर में कहीं हम शिक्षक साथी भटक तो नहीं रहे अपने कर्तव्य पथ से? आइये एक आत्मावलोकन यात्रा से गुजरें
सुविधादायी होने के फेर में कहीं हम शिक्षक साथी भटक तो नहीं रहे अपने कर्तव्य पथ से? आइये एक आत्मावलोकन यात्रा से गुजरें

प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम के फैलाव के साथ कई ऐसे साथी इस कड़ी में जुड़े जो विचारवान भी हैं और लगातार कई दुश्वारियों के बावजूद बेहतर ...

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प्रश्न अभी भी यही है कि,  ... "सोच तो बदली है, क्या परिस्थितियाँ भी बदलेंगी?"
प्रश्न अभी भी यही है कि, ... "सोच तो बदली है, क्या परिस्थितियाँ भी बदलेंगी?"

प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम के फैलाव के साथ कई ऐसे साथी इस कड़ी में जुड़े जो विचारवान भी हैं और लगातार कई दुश्वारियों के बावजूद बेहतर वि...

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आखिर कक्षा-कक्ष  से क्यूँ  पलायन करना चाहते हैं शिक्षक? कौन से ऐसे कारण है इस पलायन के?
आखिर कक्षा-कक्ष से क्यूँ पलायन करना चाहते हैं शिक्षक? कौन से ऐसे कारण है इस पलायन के?

प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम के फैलाव के साथ कई ऐसे साथी इस कड़ी में जुड़े जो विचारवान भी हैं और लगातार कई दुश्वारियों के बावजूद बेहतर व...

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व्याकरण और शब्दकोष, शुद्ध और अशुद्ध भाषा सब बाद मे, पहले बच्चे को भाषा तो बोलने दें और स्वाभाविक रूप से सीखने का मौका तो दें
व्याकरण और शब्दकोष, शुद्ध और अशुद्ध भाषा सब बाद मे, पहले बच्चे को भाषा तो बोलने दें और स्वाभाविक रूप से सीखने का मौका तो दें

भाषा और बोली एक ही बात है। एक समय जंहा ब्रज साहित्य की भाषा थी, आज उसकी जगह खड़ी बोली ने ले ली है।  अँग्रेज़ी ने अपनी लिपि लैटिन से ली है।...

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शिक्षा में शान्ति का मनोविज्ञान - भय रहित माहौल केवल बालकों के लिए ही महत्वपूर्ण है या फिर शिक्षकों के लिए भी यह उतना ही जरूरी है?
शिक्षा में शान्ति का मनोविज्ञान - भय रहित माहौल केवल बालकों के लिए ही महत्वपूर्ण है या फिर शिक्षकों के लिए भी यह उतना ही जरूरी है?

प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम के फैलाव के साथ कई ऐसे साथी इस कड़ी में जुड़े जो विचारवान भी हैं और लगातार कई दुश्वारियों के बावजूद बेहतर...

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