मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड- 49
आज की कहानी का शीर्षक- “पतंग मुकाबला
               
          सुमी,रानो और दीपा आज रात मीना के घर रुकेंगी, क्योंकि कल सुबह पतंगबाजी का मुकाबला है| सभी सहेलियां सलाह मशवरा कर रहीं हैं.....
मीना तय करती है, “ मैं पतंग उड़ाऊँगी, सुमी भाग के कटी पतंग पकड़ेगी, रानों आस-पास की पतंगों पर नज़र रखेगी और दीपा मेरे पास खडी होके चरखी पकड़ेगी|
मीना के माँ सभी बच्चों को खाना खाने को आवाज लगाती हैं........जब सब खाना खाने पहुँचे, अरे! ये क्या ? दीपा ने अपनी थाली राजू को क्यों दे दी?
मीना की माँ- दीपा, तुमने अपनी थाली राजू को क्यों दे दी?

मुझे लगा आपने गलती से राजू की थाली मुझे दे दी है क्योंकि इस थाली में तो रोटी,हरी सब्जियाँ,दाल और दही है......और ऐसा खाना तो लड़के ही खाते हैं, लड़कियां नही|” दीपा ने जबाव दिया|
मीना की माँ- नहीं दीपा, ये थाली तुम्हारी है| चलो...अब सब लोग खाना शुरु करो|
       सभी सहेलियां खाना खा के सोने चली जाती हैं| लेकिन रात में दीपा के खर्राटों के कारण वे रात भर सो नहीं पाती हैं और अगली सुबह मुकाबले के समय.....
उद्घोषक- आप सबका मुकाबले में स्वागत है| जो भी टीम सबसे ज्यादा पतंगें काटेगी और सबसे जयादा पतंगें इकठ्ठा करेगी.....वही टीम होगी इस मुकाबले की विजेता|
दीपा- ला मीना, मैं चरखी पकड़ती हूँ|
मीना- नहीं दीपा, चरखी रानों पकड़ेगी|
दीपा- लेकिन तुमने तो कहा था कि .......
मीना- सुमी,रानों और मैं रात को बिल्कुल भे सो नहीं पाये, इसलिए एक तुम्ही हो जो भाग-भाग के पतंगें पकड़ सकती हो|
    मुकबला शुरु होता है.....
   मीना, दीपू की पतंग काट देती है और उस कटी पतंग को बबिता की टीम की रजनी पकड़ लेती है|
मीना- क्या कर रही हो दीपा? इतना धीरे भागोगी तो हम हार जायेंगे|
दीपा- मैं क्या करूं मीना?
     आखिरी पतंग भी बबिता की टीम की रजनी पकड़ लेती है| मीना और बबिता ने बराबर पतंगें काटी लेकिन ज्यादा कटी पतंगें पकड़ने के कारण बबिता के टीम जीत जाती है|
    तभी वहां नर्स बहिन जी पहुँचती हैं.....
नर्स बहिन जी- दीपा  बहुत कमजोर लग रही  है, शायद इसीलिये तेज़ भाग नहीं पायी|
मीना- हम भी वही सोच रहे थे बहिन जी, ऐसा क्यों? ये तो पूरी रात आराम से सोई.....
नर्स बहिन जी- दीपा,जाओ अपनी माँ को लेकर आओ|
नर्स बहिन जी समझाती हैं, “ दीपा ने पानी तरफ से भागने की पूरी कोशिश की लेकिन वो भी क्या करे? वो बहुत कमजोर है.....दीपा के शरीर में खून की कमी है| अगर बच्चों को भोजन में उचित मात्रा में आयोडीन मिले तो उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है,जिससे उन्हें थकावट और सुस्ती महसूस होती है.भूख नहीं लगती और पढाई में भी मन नहीं लगता|
     तभी दीपा की माँ जाती हैं.....
नर्स बहिन जी दीपा की माँ से कहती हैं, “.....दीपा का पोषण ठीक से नहीं हो रहा| इसके शरीर में खून की कमी हो गयी है....इसे हर हफ्ते आयरन की गोलियां खिलाएं, जो कि स्वास्थ्य केन्द्रों स्कूलों में बिल्कुल मुफ्त दी जाती हैं, जिससे इसके शरीर में खून बन सके|....और साथ-साथ अगर आप खाने पे थोडा ध्यान देंगी तो ये ठीक हो जायेगा| बस आज से आप और दीपा दोनों ऐसा भजन करें जिसमे आयरन भरपूर मात्रा में हो, हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे- साग,मैथी,बथुआ,पालक और दालें, तिल के लड्डू खाएं और साथ में आंवला,संतरा या मौसम्मी खाएं,जिसमर विटामिन सी होता है| विटामिन सी खानेसे आयरन शरीर में रुकता है| ऐसा पोषण हर बच्चे के लिए जरुरी है|
दीपा की माँ- लेकिन लड़कियों को इन सबकी क्या जरुरत? ये तो सब लड़के ही.....
नर्स बहिन जी- क्यों? लड़कियां कम मेहनत करती हैं क्या? पढ़ना-लिखना, खेलना,खाना बनाना, .....ये सब मेहनत के काम नहीं? एक बात और.... हर छः महीने में इसे एक बार पेट की कीड़ों की दवा जरुर दें
.....फिर देखना पतंगबाजी के अगले मुकाबले में आपकी दीपा सबसे तेज़ भागेगी|
मीना- और हमारी टीम जीत जायेगी|


आज का गाना-
कैसे आये चुस्ती,कैसे आये फुर्ती|
कमजोरी कैसे जाये,और कैसे जाए सुस्ती||-
बोलो..................................
मैं बताऊँ......, हाँ मीना
राज की बात बताती हूँ ,जी नहीं चुराती हूँ|
हरी सब्जियां दाल सदा ही रोज मैं घर पर खाती हूँ|
तुम बताओ रानो..................
मैं भी सच बताती हूँ,जी नहीं चुराती हूँ|
तिल का लड्डू,गुड और आंवला खान खा के खाती हूँ|
कैसे आये चुस्ती,कैसे आये फुर्ती|
कमजोरी कैसे जाये,और कैसे जाए सुस्ती||-
तुम बताओ.........................................|
आज का खेल-
                 ‘मिलती जुलती आवाजें’

आज की कहानी का सन्देश- “ सम्पूर्ण आहार की जरुरत जितनी लड़कों को है उतनी ही लडकियों को

भी है|”

मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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