मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-63

आज की कहानी का शीर्षक- “नए दोस्त”
  आजकल मीना अपने स्कूल जाते हुए रास्ते में कृष्णा को ले कर जाती है। कृष्णा ने अभी हाल में ही मीना के स्कूल में दाखिला लिया है। कृष्णा को बचपन में पोलियो हो गया था जिससे उसका पैर ख़राब हो गया है।

*******(दृश्य- 1) *******
कृष्णा के घर मीना का प्रवेश होता है मीना कृष्णा को स्कूल चलने को कहती है पर वो स्कूल जाने को मना करता है| कारण पूंछने पर......
कृष्णा-स्कूल के सारे बच्चे मेरा मजाक उड़ाते है। वे बच्चे मेरे साथ खेलना भी पसंद नहीं करते है।.... पहले जहाँ मैं पढता था वहाँ ऐसा बिल्कुब नहीं था,वहां सारे मेरे दोस्त थे| मैंने सोचा था यहाँ भी सब मेरे दोस्त बन जायेंगे पर ऐसा नहीं हुआ | तुम जाओ मीना मैं स्कूल नहीं जाऊंगा।
मीना-अगर तुम स्कूल नहीं जाओगे तो मई भी न जाऊँगी। आखिर मैं तुम्हारी दोस्त हूँ न।
तुम कुछ शरारती लड़कों की वजह से स्कूल कैसे छोड़ सकते हो और आज तो स्कूल में तुम्हारा तीसरा ही दिन है ... देखना धीरे धीरे सभी मेरी तरह तुम्हारे दोस्त बन जायेंगे।
कृष्णा- काश ऐसा होता।
मीना-ऐसा ही होगा कृष्णा।
कृष्णा- ऐसा होगा या नहीं .....मीना एक बात तय है जब तक दीपू मेरा मजाक उड़ना नहीं छोड़ता तब तक कोई मेरा मित्र नहीं बनेंगा।
मीना-नहीं दीपू ऐसा नहीं है मैं मानती हूँ........ दीपू शरारती है पर दिल का बहुत अच्छा है वह। मैं इस बारे में जरुर उससे बात करुँगी। अगर तब भी नहीं माने तो तुम बहनजी से उसकी शिकायत कर देंना।
कृष्णा- अरे नहीं मीना, मुझे किसी की शिकायत नहीं करनी, नहीं तो बच्चे मुझे शिकायती टट्टू कह कर और चिढ़ाएगें।
मीना- फिर तुम स्वयं दीपू से बात करो।.....चलो अब स्कूल चलो।


*******(द्रश्य-2) *******
      स्कूल में बच्चे खेल रहें हैं। मीना और कृष्णा स्कूल की ओर आ रहें हैं। उन्हें आते देख......
दीपू- अरे कृष्णा थोड़ा धीरे चल नहीं तो एक्सिडेंट हो जायेगा।
मीना- दीपू ये तुम क्या कह रहे हो, तुम्हे मालूम है न कि कृष्णा सही से चल नहीं सकता।
दीपू- मैं तो मजाक कर रहा था।
मीना- इसे मजाक करना न , मजाक उड़ना कहते हैं।........  कमियां हम सब में होती हैं इसका मतलब ये नहीं कि हम दुसरे की कमीं का मजाक उड़ायें।



*******(दृश्य-3) *******-
मैदान में बच्चे क्रिकेट खेल रहें हैं। दीपू गेंद सही से नहीं फेक रहा है।
कृष्णा 1 कविता गुनगुना रहा है.......
“मेरे भी कुछ सपने हैं ,मेरी भी कुछ आशाएं है।
सच्चे साथी अपने हैं,अब तो पथ की उम्मीदें हैं।।
सोच रहा हूँ गुमसुम सा हूँ,गौर से देखो तुम सब सा हूँ।
यूँ तो सभी दोस्त हैं मेरे फिर क्यों लगे पराएँ हैं।।
फूल हैं जो दिल के आँगन में क्यों सारे मुरझाएं हैं।
बदले मौसम में गुमसा हूँ मैं गौर से देखो मैं तुम सा हूँ|”


कृष्णा का गाना सारे बच्चे पहले छिपकर फिर पास में बैठकर सुनते और आनंद लेतें हैं। इसके बाद सब घर को जाते है।
दीपू- कृष्णा जब तुम कोई दूसरी कविता पढना तो हम लोगों को जरुर बुलाना  और हम लोग तुम्हे अपने साथ क्रिकेट भी खिलाएंगे।
कृष्णा- पर मैं तो तुम लोगों की तरह चल फिर नहीं सकता।
सुनील- पर तुम गेंद तो सही से फेक सकते हो|
दीपू-मेरी तरह थोडा न हर बार गेंद झाड़ियों में जा गिरे।

आज का गाना-
बात सही है मेरी तुम मानो या न मानों।
सबके अन्दर छुपी हुई है एक खूबी पहचानों।।
किसी की खूबी नाचना किसी की खूबी गाना।
किसी की खूबी होती हवा में बात बनाना।।
कोई सोये कोई जागे कोई बैठे कोई भागे।
कोई पीछे कोई आगे बाते सही हैं मेरी तुम मानो न मानो।।
किसी की खूबी लिखना किसी की खूबी पढ़ना।
किसी की खूबी होती जंग में जाकर लड़ना।।
कोई नाचे कोई गाये कोई खिलाये कोई खाए।
कोई आये कोई जाये मानों न मानों।


आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’
  अक्षर- ‘ल’
·         मशहूर व्यक्ति- लता मंगेशकर (सुर कोकिला)
·         जानवर- लंगूर
·         वस्तु- लस्सी,लोटा,लालटेन
·         स्थान-लक्षद्वीप(सबसे छोटा केन्द्रशासित राज्य)


आज की कहानी का सन्देश-
पढ़ाई बहुत ही अच्छी चीज,सीखो इसको रोज।
अच्छे बुरे का बोध करायें, बनेंगे नये नये दोस्त।।





मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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