टेक्नॉलॉजी का प्रयोग एक स्वस्थ प्रशासन और बेहतर कार्य प्रणाली का घोतक हो सकता है, इसमें कोई शंका नहीं होनी चाहिए। लेकिन बेसिक शिक्षा में जिस तरह से नित नए प्रयोग हो रहे है और यह प्रयोग जिस तरह से नाकाम साबित हुए है उनसे बॉयोमैट्रिक सिस्टम प्रणाली की कामयाबी पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है। बॉयोमैट्रिक सिस्टम प्रणाली की मुखालिफत नहीं होनी चाहिए, मैं भी इस बात से इत्तेफाक रखता हूँ। लेकिन सिर्फ बॉयोमैट्रिक सिस्टम प्रणाली का लागू कर दिया जाना इस बात का प्रमाण नहीं हो सकता कि इससे शिक्षा का गिरता स्तर सुधरेगा।
             बेसिक शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव की ज़रूरत है। जब तक शिक्षक शांतचित और तनाव से मुक्त नहीं होंगे, स्कूल भले ही समय से पहुंचे पर वह अपना कार्य सरलता और सुगमता पूर्वक नहीं कर पाएंगे। उदाहरण अपने विभाग में ही मौजूद हैं। प्रदेश के हर जनपद में निःसंदेह परिषद के ही कुछ स्कूल ऐसे है जिनका मुक़ाबला निजी स्कूलों से नहीं किया जा सकता। मतलब यह स्कूल निजी स्कूलों पर भरी पड़ते हैं, लेकिन सही यह भी है कि अधिकांश स्कूलों में हम फिसड्डी भी हैं।
           
               अगर बेसिक स्कूलों में वाक़ई कोई सुधार शासन करना चाहता है, तो सबसे पहले सम्बंधित कार्यालय और अधिकारीयों की कार्यशैली सुधारनी पड़ेगी, नियमों में लचीलापन लाना होगा, सुविधाएं मुहैया करानी होंगी, शिक्षकों को उनके मूल निवास से निकटतम दूरी के विद्यालय में तैनाती देनी होगी, शिक्षकों के समस्त कार्य ऑनलाइन और समयबद्ध रूप से निस्तारित करने होंगे, तय समय पर कार्य निस्तारण ना होने पर सम्बंधित अधिकारीयों/कर्मचारियो के विरुद्ध कार्यवाही करनी होगी, अन्य विभागों की भांति चिकित्सा सेवा का लाभ देना होगा, पति पत्नी को यथासंभव एक ही एनपीआरसी में तैनाती देनी होगी, पति पत्नी दोनों को ही राजाज्ञानुसार आवास भत्ते का भुगतान करना होगा, बात बात पर प्रकरण को लटकने हेतु उच्चाधिकारिओं को प्रकरण संदर्भित करनी की कार्यशैली पर विराम लगाना होगा,  ताकि शिक्षक अनावश्यक रूप से स्कूल बंक करके बीआरसी और दुसरे कार्यालयों के चक्कर न लगाएं, शिक्षकों का दोहन बंद हो, शिक्षको  के सभी जायज़ काम एक निश्चितावधि में ईमानदारी के साथ निस्तारित हो, तय समयसीमा में निस्तारण न होने की दशा में सम्बंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी को ज़िम्मेदार और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का दोषी मानते हुए कार्यवाही की जाय, निस्तारण का पूरा ब्यौरा  निश्चित अवधी में सम्बंधित शिक्षक को उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी करनी चाहिए। ईमानदार शिक्षाधिकारियों की ही तैनाती जनपद  स्तर पर की जाय, उन्हें राजनितिक दबाव से मुक्ति देकर कार्य करने की आज़ादी दी जाय साथ ही निगरानी समिति का गठन करके प्रत्येक ३ माह के अंतराल पर समीक्षा की जाये समीक्षा में प्राप्त बिन्दुओं पर त्वरित और कठोर कार्यवाही अ प्राविधान भी हो, तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी शिक्षक अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग पायेगा, बहानेबाज़ी कर पायेगा।

             बॉयोमैट्रिक सिस्टम प्रणाली लागू करने के साथ ही सभी शिक्षकों का सेवासम्बंधी समस्त डेटा ऑनलइन करते हुए सभी उनको  लोगिन और पासवर्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था ही की जानीचाहिए ताकि शिक्षक स्वयं अपने प्रार्थना-पत्र, शिकायती पत्र एवं अन्य कार्य जो कार्यालय स्तर   के हो को सम्बंधित अधिकारी या कार्यालय को फॉरवर्ड कर दे और इन प्रार्थना-पत्र, शिकायती पत्रों पर तय समयसीमा में ऑनलाइन कार्यवाही की व्यवस्था की जाये।
               मुझे आशा है की नए साल में बॉयोमैट्रिक सिस्टम प्रणाली के इस नए प्रयोग के साथ ही शासन के आला अफसर बेसिक शिक्षा को एक नया आयाम और हम शिक्षकों को एक नया स्वरुप प्रदान करने की भी पहल करेंगे और बेसिक शिक्षा को सुधारने, अमूल चूल परिवर्तन के के लिए माननीय उच्च न्यायलय इलाहबाद के आदेशानुसार अपने पाल्यों को इसी शैक्षिक सत्र से बेसिक विद्यालयों में अनिवार्य रूप से दाखिल भी करेंगे। शिक्षकों को अनिवार्य रूप से  ग़ैरशैक्षनिक कार्यों के लिए बाध्य नही किया जायेगा और ग़ैर शैक्षिणकार्यों से पूरी तरह मुक्ति प्रदान की जाएगी, बल्कि जो लोग (अधिकारी या कर्मचारी) उन्हें ग़ैर शैक्षिक कार्यों के लिए बाध्य करेंगे उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
                  बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में उच्चाधिकारियो के पाल्यों के प्रवेश से ना सिर्फ शिक्षक गौरान्वित हो अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सजग होंगे बल्कि आम जनता का विश्वास बेसिक शिक्षा के प्रति मज़बूत होगा, बेसिक शिक्षा को एक मिसाली शक्ल में पूरे देश में पेश किया जा सकेगा। देश की अवाम एक बार फिर बेसिक शिक्षा के अफसरान, कर्मचारियों, अध्यापकों से प्रेरणा लेने को बाध्य हो सकेंगे. मुझे विश्वास है कि शासन के ज़िम्मेदार और बेसिक शिक्षा की दुर्गति पर संजीदा अफसरान जल्द ही  इन बिंदुओं पर भी तेज़ी से कार्य शुरू करेंगे। जिससे प्रदेश भर के बेसिक अध्यापक अपना कार्य सुगमता, सरलता, निपुणता के साथ ठीक उसी तरह अंजाम दे पाएँगे जैसेकि निर्वाचन, जनगणना, मतगड़ना, दैवीय आपदा, आधार कार्ड, राशन कार्ड, आंगनबाड़ी इत्यादि कार्य करते हुए खुद को दीगर तमाम विभागों के कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित कर देते हैं, अपने उच्चाधिकारियों के  संरक्षण में उसी तरह बेसिक शिक्षा को जल्द ही सर्वश्रेष्ठ साबित कर दिखाएंगे।

लेखक
खुश्तर रहमान खान
शिक्षक
सीतापुर
 मोबाइल - 9455217290

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