स्कॉलरशिप अवार्ड 2016 लांचिंग के मौके पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शारदा प्रताप शुक्ल जी ने कहा कि 'आजकल परिषदीय स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि कोई रिक्शेवाला भी अपने बच्चों को इसमें पढ़ाना नहीं चाहता।' मंत्री जी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा कि 'हाईकोर्ट का वो आदेश जिसमें सभी सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों/राजनेताओं के पाल्यों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने की अनिवार्यता की बात थी, लागू हो तो बात बने'....... मंत्री जी आपसे कहना चाहता हूँ कि सरकार आपकी है और वो भी पूर्ण बहुमत में। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उस आदेश को लागू करने में कोई विधिक और तकनीकी समस्या भी नहीं। बावजूद इसके हाईकोर्ट का उपर्युक्त आदेश आये इतने माह हो गए आपके सरकार ने इस सम्बन्ध में कोई भी पहल ही नहीं किया। शुभ कार्य में इतना विलंब क्यों ?
      मैं भी यही चाहता हूँ कि उच्च न्यायालय का वो सम्बन्धित आदेश अक्षरश: लागू हो। अगर ऐसा हो जाए तब आप और आपके अधिकारी विद्यालयों/शिक्षकों की समस्याओं को गम्भीरता से लेंगे, किताबें समय से वितरित कराएंगे, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाएंगे, विद्यालय की मूलभूत समस्याओं मसलन पर्याप्त संख्या में शिक्षक/क्लर्क/चपरासी/सफाईकर्मी की नियुक्ति कर देंगे, हैंडपम्प खराब होगा/बिजली या बिजली उपकरण खराब होंगे या कमी होगी तो आप सूचना मिलने पर त्वरित निस्तारण कराएंगे, शिक्षकों को सिर्फ पढ़ने-पढ़ाने की जिम्मेदारी ही देंगे, शिक्षकों को एमडीएम से पूर्णत: मुक्त कर देंगे, स्कूलों में अत्याधुनिक पुस्तकालय बनवा देंगे, सभी स्कूलों में कम्प्यूटर और जनरेटर की व्यवस्था करा देंगे, स्कूलों तक पहुंचने हेतु शानदार सड़कें बनवा देंगे, विद्यालय वाहन की व्यवस्था भी करा देंगे, रंगाई-पुताई धनराशि बढ़ा देंगे, प्रत्येक स्कूल में बच्चों के लिए कुर्सी-मेज की व्यवस्था करा देंगे, प्रत्येक स्कूल में ऊंची बाउंड्री और मजबूत गेट की व्यवस्था करा देंगे, पर्याप्त संख्या में शौचालय बनवा देंगे, पेयजल के लिए आरओ मशीन लगवा देंगे, शिक्षकों को गांव में घर-घर जाने वाले समस्त जिम्मेदारी/ कार्यों से मुक्त कर देंगे, शिक्षकों को छात्र उपस्थिति सुनिश्चित करने से मुक्त कर इस हेतु अभिभावकों के लिए बाध्यकारी आदेश जारी कर देंगे, विद्यालय को गांव की राजनीति का अड्डा बनने से रोकने के लिए जरूरी आदेश-निर्देश जारी कर देंगे, ग्राम प्रधानों का विद्यालयों में अनुचित हस्तक्षेप रोकने हेतु सख्त आदेश जारी कर देंगे, शिक्षकों की अन्य सुविधाओं और उनकी उचित मांगों का भी ध्यान रखते हुए उसका शीघ्र निस्तारण करा देंगे। क्योंकि अगर इन सुविधाओं में कमी होगी या फिर शिक्षकों में कोई असन्तोष फैला और वो आंदोलनरत हुए तो आपके बच्चों  की पढ़ाई ही बाधित होगी।
      मंत्री जी, सिर्फ आपकी ही बात नहीं। प्रिंट मीडिया का समाचार हो, टीवी न्यूज चैनल डिबेट हो या फिर 'शिक्षक दिवस' पर शिक्षक सम्मान जैसा औपचारिक कार्यक्रम ही क्यों न हो, सभी जगह हम बेसिक शिक्षकों की नकारात्मक छवि बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। सरकार कोई भी हो विभाग के प्रति सरकार की नीतियों के तहत कई आदेशों/अपेक्षाओं ने भी हम बेसिक शिक्षकों का हमारे सेवित क्षेत्रों और समाज में हमारे मान-सम्मान को अपूरणीय क्षति पहुंचायी है। गलती शासन के नीति-निर्माताओं की और दोषी हम बेसिक शिक्षकों को सिद्ध कर दिया जाता है।
      मंत्री जी, आपकी सरकार द्वारा वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत हुए बिना नित जारी होने वाले आदेशों-निर्देशों और उसका पालन बाध्य करने के लिए आपके अधिकारियों द्वारा हमारे ऊपर डाले जा रहे अनुचित दबाव/शोषण का हम बेसिक शिक्षकों के मनोदशा पर कितना प्रभाव पड़ रहा है या मानसिक रूप से हम कितना दबाव महसूस कर रहे हैं, इस मानसिक दबाव का शिक्षण गुणवत्ता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? इसको समझने की आवश्यकता न तो आपको, न आपके अधिकारियों को और न ही किसी पत्रकार को ही शायद ही कभी पड़ी होगी।
      बहुत हो चुका हमारे मान-सम्मान का अपमान। हम बेसिक शिक्षक भी बहुत बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जबकि आप अपने सरकार को हाईकोर्ट के उस सम्बन्धित आदेश के फायदे से अवगत कराकर सम्बन्धित आदेश अक्षरश: लागू कराएंगे साथ ही ऐसा करके हाईकोर्ट का सम्मान भी करेंगे। मंत्री जी पुनः निवेदन है कि आप यथा शीघ्र हाईकोर्ट का आदेश अक्षरश: लागू करा दें।                     

लेखक
दुर्गेश चन्द्र शर्मा
सहायक अध्यापक
प्रा०वि० छितही बुजुर्ग
क्षेत्र-फरेन्दा, जनपद-महराजगंज

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  1. Awadhesh Kumar Mishra10 August, 2016 22:49

    Excellent and true write_up,D C Sharmaji. Really good.Keep it up.
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