नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए तीन सौ टास्क चिन्हिंत, एजेंसियों और सभी राज्यों पर रहेगा समय सीमा के अंदर अमल का जिम्मा

 
राष्ट्रीय शिक्षा नीति सामने आने के बाद बड़ा सवाल सिर्फ एक ही था कि आखिर यह लागू कैसे होगी। कई राज्यों ने भी इसे लेकर सवाल उठाए थे। लेकिन केंद्र ने कुछ ही महीनों के भीतर इसके अमल का पूरा खाका तैयार कर साफ कर दिया है कि वह जल्द-से-जल्द इसे जमीन पर उतारना चाहती है। 


इसके अमल से जुड़े कुल तीन सौ टास्क चिह्न्ति किए गए हैं, जिन पर काम किया जाना है। वहीं इसे लेकर एजेंसियों की भी पहचान कर ली गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय सहित 22 से ज्यादा मंत्रलयों, विभागों व एजेंसियों को इसे लागू कराने के लिए चुना गया है। इन सभी की जिम्मेदारी बांट दी गई है। इनमें एनसीईआरटी सहित कई एजेंसियों ने काम भी शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी इससे जोड़ा जाएगा।


शिक्षा नीति के अमल का यह खाका केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय ने दो महीने के भीतर सभी पक्षों और संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद खींचा है। फिलहाल नीति के अमल से जुड़े जो बड़े टास्क है, उनमें नया पाठ्यक्रम तैयार करना, शिक्षकों का प्रशिक्षण, बोर्ड की परीक्षाओं और उनके मूल्यांकन में बदलाव है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में टॉप रैंकिंग वाले विश्वस्तरीय संस्थानों को भारत आने की अनुमति देने सहित शोध को विश्वसनीय बनाने और बढ़ावा देने जैसे टास्क शामिल हैं।


इस सभी कामों की जिम्मेदारी अलग-अलग एजेंसियों को सौंप दी गई है। इसे लेकर एक समय-सीमा भी तय की गई है, जिसके भीतर सभी को अपना काम पूरा करना है। वैसे तो नीति के अमल पर काम शुरू हो गया है। लेकिन नीति के चिह्न्ति किए गए टास्कों में से ज्यादातर को 2022 में, जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब लागू करने की समय-सीमा तय की गई है।

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