जंज़ीरें, जंज़ीरें ही हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं। स्वामी रामतीर्थ
योग्य वकील
एक अयोग्य वकील किसी मुकदमे को महीनों और बरसों तक लटका सकता है । योग्य वकील इससे भी ज्यादा लटका सकता है एवले जे. यंगर
अवसर
अवसर का फायदा उठाने से ज्यादातर लोग चूक जाते हैं , क्योंकि ज्यादातर अवसर काम की शक्ल में आतें हैं । थॉमस अल्वा एडिसन
अच्छा दिमाग
सबसे अच्छे दिमाग वाले लोग सरकार में नहीं हैं । वे जहाँ भी होंगे , व्यापार की दुनिया वाले उन्हें खरीद लेंगे । रोनाल्ड रीगन
माँ का प्यार
कुछ माएं बच्चों को चूमती हैं , कुछ उन्हें डांटती हैं । प्यार तो ऐसा ही होता है । पर्ल एस. बक
मेहनत से दरिद्रता दूर
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती , धर्म करने से पाप नहीं रहता , मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं हो...
आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं
प्रजा के सुख में ही राजा का सुख और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिए। आत्मप्रियता में राजा का हित ...
कष्ट - प्रेरक शक्ति
कष्ट ही तो वह प्रेरक शक्ति है जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और आगे बढ़ाती है। सावरकर
हताश न होना भइया
हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनता है। वाल्मीकि
अपना दोष अप्रिय होता है भाई
अपने विषय में कुछ कहना प्राय: बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को। महादेवी वर्मा
प्रेम की शक्ति
द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। विनोबा
आगे बढे चलो
फूल चुन कर एकत्र करने के लिए मत ठहरो। आगे बढ़े चलो, तुम्हारे पथ में फूल निरंतर खिलते रहेंगे। रवींद्रनाथ ठाकुर
दवा के दो घूँट
जो काम घड़ों जल से नहीं होता उसे दवा के दो घूँट कर देते हैं और जो काम तलवार से नहीं होता वह काँटा कर देता है। सुदर्शन
मर्यादा नहीं छोड़ना जी
प्रलय होने पर समुद्र भी अपनी मर्यादा को छोड़ देते हैं लेकिन सज्जन लोग महाविपत्ति में भी मर्यादा को नहीं छोड़ते। चाणक्य
पुत्र, मित्र और देश
वही पुत्र हैं जो पितृ-भक्त है, वही पिता हैं जो ठीक से पालन करता हैं, वही मित्र है जिस पर विश्वास किया जा सके और वही देश है जहाँ जीविका हो। ...
कवि और महाकवि
यह सच है कि कवि सौंदर्य को देखता है। जो केवल बाहरी सौंदर्य को देखता है वह कवि है, पर जो मनुष्य के मन के सौंदर्य का वर्णन करता है वह महाकवि ...
मुट्ठी भर संकल्पवान
मुट्ठी भर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है , इतिहास की धारा को बदल सकते हैं। महात्मा गांधी
राष्ट्र की एकता
राष्ट्र की एकता को अगर बनाकर रखा जा सकता है तो उसका माध्यम हिंदी ही हो सकती है। सुब्रह्मण्यम भारती
ईश्वर को बड़े बड़े साम्राज्यों से ऊब
ईश्वर बड़े - बड़े साम्राज्यों से ऊब उठता है लेकिन छोटे - छोटे पुष्पों से कभी खिन्न नहीं होता। रवींद्रनाथ ठाकुर
समय परिवर्तन का धन
समय परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं। रवींद्रनाथ ठाकुर
नाव जल में रहे लेकिन
नाव जल में रहे लेकिन जल नाव में नहीं रहना चाहिए, इसी प्रकार साधक जग में रहे लेकिन जग साधक के मन मेंनहीं रहना चाहिए। रामकृष्ण परमहंस
परोपकारियों का स्वभाव
फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं।परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है। त...
सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित
सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित रहता है फिर भी प्रत्येक जीव अपने बंधनो को प्यार करता है। यही हमारीप्रकृति की पहली दुरूह ग्रंथि और विरोध...
संकट में डाल कर कार्य संपन्न करने वालों की.....
अपने को संकट में डाल कर कार्य संपन्न करने वालों की विजय होती है , कायरों की नहीं। जवाहरलाल नेहरू
आँख के अंधे को.....
आँख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती, काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता, मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष नहीं ...
...............उसमें मदिरा नहीं शीतल जल की धारा बहती है।
पाषाण के भीतर भी मधुर स्रोत होते हैं, उसमें मदिरा नहीं शीतल जल की धारा बहती है। जयशंकर प्रसाद
मनुष्य के हृदय की वृत्ति
जैसे छोटा-सा तिनका हवा का रुख बताता है वैसे ही मामूली घटनाएँ मनुष्य के हृदय की वृत्ति को बताती हैं । महात्मा गांधी
विष और दुर्जन
साँप के दाँत में विष रहता है, मक्खी के सिर में और बिच्छू की पूँछ में किंतु दुर्जन के पूरे शरीर में विष रहता है। कबीर
मैला दर्पण
जिस प्रकार मैले दर्पण में सूरज का प्रतिबिंब नहीं पड़ता उसी प्रकार मलिन अंत:करण में ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिंब नहीं पड़ सकता। रामकृष्ण...
सफल और असफल
जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं- एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं, दूसरे जो करते हैं पर सोचते नहीं। आचार्य श्रीराम शर्मा
ज्ञानी , मनुष्य और अज्ञानी
ज्ञानी जन विवेक से सीखते हैं, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी पुरुष आवश्यकता से और पशु स्वभाव से। कौटिल्य
इतिहास की धारा
मुठ्ठी भर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं। महात्मा गांधी
पुरुषार्थ
जो पुरुषार्थ नहीं करते उन्हें धन, मित्र, ऐश्वर्य, सुख, स्वास्थ्य, शांति और संतोष प्राप्त नहीं होते। वेदव्यास
अनुभव की पाठशाला
अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते। अज्ञात
किताबें शिक्षक हैं
किताबें ऐसी शिक्षक हैं जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीक्षा लिए हमें शिक्षा देती हैं। अज्ञात
डाँवाँडोल स्थिति
जीवन में कोई चीज़ इतनी हानिकारक और ख़तरनाक नहीं जितना डाँवाँडोल स्थिति में रहना। सुभाषचंद्र बोस
मूर्ख और परिवार
जहाँ मूर्ख नहीं पूजे जाते, जहाँ अन्न की सुरक्षा की जाती है और जहाँ परिवार में कलह नहीं होती, वहाँ लक्ष्मी निवास करती है। अथर्ववेद