पुत्र, मित्र और देश A+ A- Print Email वही पुत्र हैं जो पितृ-भक्त है, वही पिता हैं जो ठीक से पालन करता हैं, वही मित्र है जिस पर विश्वास किया जा सके औरवही देश है जहाँ जीविका हो।चाणक्य
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