वहां प्राथमिक शिक्षा का हाल बहुत अच्छा न हो, पर बच्चों के प्रति शिक्षकों का समर्पण एक उदाहरण है। मार्च और जुलाई के बीच उत्तर-पूर्वी ...
दयनीय दशा में विज्ञान की पढ़ाई
विज्ञान के अभाव में जो सपने हमने युवाओं की शक्ति वाले देश के रूप में देखे हैं उसे हासिल करना संभव नहीं होगा। भारत सरकार द्वारा ...
स्कूली शिक्षा की बदहाली : यूनेस्को की रिपोर्ट पर केंद्र और राज्य विचार करें कि शिक्षा के मामले में दोनों मिलकर आगे कैसे बढ़ें? जागरण सम्पादकीय
■ स्कूली शिक्षा की बदहाली भारत में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर यूनेस्को की रपट पर सरकार को उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना कि उसने हाल ही ...
जिम्मेदारी से दूर भागते शिक्षा संस्थान
इ स समय देश में शिक्षा की गुणवत्ता पर विमर्श पीछे चला गया है, उसका स्थान शिक्षा प्रदान करने वाले केंद्रों-स्कूलों से लेकर उच्च शि...
बच्चों की कल्पनाशीलता के मंच का मुरझा जाना
बाल दिवस पर साहित्य और पत्रकारिता में बच्चों के लिए सिमटते स्थान की चर्चा। आज बाल दिवस के बहाने हम जब बाल-पत्रकारिता या बाल-पत्रिकाओं...
आखिर समय रहते शिक्षकों के रिक्त पद भरने के लिए कमर क्यों नहीं कसी गई? जागरण सम्पादकीय में उठा अहम सवाल
■ शिक्षकों की तलाश मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के रिक्त पद भरने की तैयारी पर तभी संतोष व्यक्त क...
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ह्रास एवं सामाजिक विमर्श
गां व,गलियों,चौराहों,चाय की दुकान, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शिक्षा या शिक्षा व्यवस्था के संदर्भ म...
अधिकारियों और कानून के लागू करने वाले तंत्र के बच्चे पढ़ने के चलते ही निजी विद्यालय हुए बेलगाम : जनता की बात सुनकर एक्शन लिए जाने पर जागरण सम्पादकीय
मनमानी फीस वृद्धि को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने निजी विद्यालयों पर शिकंजा कसने की जो तैयारी की है, उसकी निश्चित रूप से सराहना की जा...
परीक्षा को बदलें, शिक्षा बदल जाएगी
समाज का स्वरूप शिक्षा से तय होता है और शिक्षा का मिजाज परीक्षा से पूछे जा चुके सवालों के जवाब ही रटते रहेंगे तो समझ कहां से आएगी...