ग्रामीण बचपन की मासूमियत रील्स रूपी डिजिटल आघात "गांव के बच्चे अब भी मासूम हैं, पर रीलों के पीछे वो मज़बूर हैं।" ग्रामीण भारत के...
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दक्ष और निपुण बनाए जाने के दबाव में आज के बच्चे
दक्ष और निपुण बनाए जाने के दबाव में आज के बच्चे किताबों के पहाड़ों में दब गया बचपन, खेलों की सूरतों से छिन गया अपनापन। ख्वाब थे जिनमें रंग...
जल्दबाजी के फैसले और बाल मन पर बढ़ता बोझ, ऐसी शिक्षा पर क्यों न हो पुनर्विचार?
जल्दबाजी के फैसले और बाल मन पर बढ़ता बोझ, ऐसी शिक्षा पर क्यों न हो पुनर्विचार? मनोविज्ञान की परवाह करें जो देश, हर नीतियों में बच्चों का द...
बच्चों के अनुकूल दुनिया और शिक्षकों और अभिभावकों में बचपन बनाए रखने की आवश्यकता
बच्चों के अनुकूल दुनिया और शिक्षकों और अभिभावकों में बचपन बनाए रखने की आवश्यकता बच्चों की हँसी में खिलता है संसार का हर रंग, हर शिक्षक में ज...
मदरसा शिक्षा में सुधार की राह खुली
मदरसा शिक्षा में सुधार की राह खुली सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कई भ्रम दूर करने और मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने में मददगार होने वाला है उत...
बचपन में कठपुतली बनती आज की पीढ़ी
बचपन में कठपुतली बनती आज की पीढ़ी उम्र मासूमियत की, मगर सख्त जंजीरें, बचपन की कश्ती पर बोझ है तकदीरें। फूलों की तरह खिलने दो इस उम्र को, हर ...
देश में शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति का अभाव दिखना शुभ संकेत नहीं
शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता अपने देश में शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति का अभाव दिखना शुभ संकेत नहीं यह वि...
बुनियादी शिक्षा में पिछड़ते बच्चे आज भी बड़ी चुनौती! आखिर संसाधन संपन्न स्कूल भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को क्यों नहीं हासिल कर पा रहे?
बुनियादी शिक्षा में पिछड़ते बच्चे आज भी बड़ी चुनौती! आखिर संसाधन संपन्न स्कूल भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को क्यों नहीं हासिल कर पा र...
सिस्टम की चक्की में शिक्षक! आदेश पालनकर्ता से भविष्य निर्माता तक के सफर का आत्मावलोकन
सिस्टम की चक्की में शिक्षक! आदेश पालनकर्ता से भविष्य निर्माता तक के सफर का आत्मावलोकन "शिक्षक की स्याही से, रचे भविष्य के रंग, सिस्...
बच्चों का मोबाइल से रिश्ता 'प्रगाढ़' कर रहा बेसिक शिक्षा का ऐप! सवाल उठता है कि आखिर बच्चों को क्यों दी गई किताबें?
बच्चों का मोबाइल से रिश्ता 'प्रगाढ़' कर रहा बेसिक शिक्षा का ऐप! सवाल उठता है कि आखिर बच्चों को क्यों दी गई किताबें? किताबों से जो र...
क्या बच्चों की शिक्षा केवल स्कूल की चारदीवारी तक सीमित हो सकती है?
क्या बच्चों की शिक्षा केवल स्कूल की चारदीवारी तक सीमित हो सकती है? "मुझे डर है कि यह समाज सभ्यता खो न दे, बच्चों को किताबों में बंद ...
शिक्षा या व्यापार: जब फीस बन जाए निजी स्कूलों में प्रवेश की शर्त, जानिए! सरकारी स्कूल क्यों हैं जरूरी?
शिक्षा या व्यापार: जब फीस बन जाए निजी स्कूलों में प्रवेश की शर्त, जानिए! सरकारी स्कूल क्यों हैं जरूरी? "बन जाएं अगर इल्म का कारोबार, ...