मेहनत से दरिद्रता दूर A+ A- Print Email मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता। चाणक्य
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