स्कूली शिक्षा बेहतर बनाने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की ली जाएगी मदद


शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में यह समस्या अब दूर होगी। वहां पर सेवानिवृत्त शिक्षकों के सहयोग से पढ़ाई कराई जाएगी। सरकार ने हजारों सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मिलित किए जाने की योजना बनाई है। देश में कई वरिष्ठ और सेवानिवृत्त शिक्षक हैं जिनका उपयोग नौकरी पर लगे शिक्षकों में विभिन्न विषयों में प्रतिभा विकास के लिए किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन ऑफलाइन माध्यमों का प्रयोग किया जाएगा।


शिक्षा मंत्रालय शिक्षकों के लिए मानक भी तैयार करेगा, जो बेहतर सुधारों को लागू करने में मदद करेगा। भारत के ग्रामीण इलाकों में ऐसा करना जरूरी है, जहां प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी का मुद्दा काफी समय से चला आ रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षकों का चयन होने से स्टाफ की कमी से जूझ रहे स्कूलों को थोड़ी राहत मिलेगी। 

विशेषज्ञों का मानना है कि व्यावसायिक मानकों का विकास शिक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। हालांकि इस बार के बजट में शिक्षा पर परिव्यय अपर्याप्त दिखता है। बजट में कहा गया है कि राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक एनपीएसटी के रूप में सभी स्कूली शिक्षकों के लिए एक मानक तय किए जाएंगे। यह शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाएगा और देश में सार्वजनिक और निजी स्कूलों के सभी 92 लाख शिक्षकों द्वारा इसका अनुपालन किया जाएगा। 


कोविड महामारी के बावजूद, प्राथमिक विद्यालय के 30 लाख से अधिक शिक्षकों को डिजिटल रूप से प्रशिक्षित किया गया है, शिक्षा के सभी पहलुओं को इसके दायरे में लायागया है। इसे आगे बढ़ाते हुए 2021-22 में 56 लाख स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों को निष्ठा के तहत  समग्र प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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