@प्रवीण पाण्डेय, @Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, @डॉ॰ मोनिका शर्मा
ब्लॉग में इस कथ्य को पेश करने को यदि मेरी सहमति का प्रतीक ना माना जाए तो ........क्या ऐसा नहीं लगता इस कथ्य की छाँव में सीमित सफलता का तुरत फुरत हिट फोर्मुला आजमाने का दांव दिखलाई पड़ रहा है ? (मात्र एक जिज्ञासा)
सच है, सहमत।
ReplyDeleteएकदम सही बात है।
ReplyDeleteयही सच है....
ReplyDeleteवाह
ReplyDelete...and when your autograph is changed to signs you are known as Musharrafs...
:)
@प्रवीण पाण्डेय, @Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, @डॉ॰ मोनिका शर्मा
ReplyDeleteब्लॉग में इस कथ्य को पेश करने को यदि मेरी सहमति का प्रतीक ना माना जाए तो ........क्या ऐसा नहीं लगता इस कथ्य की छाँव में सीमित सफलता का तुरत फुरत हिट फोर्मुला आजमाने का दांव दिखलाई पड़ रहा है ?
(मात्र एक जिज्ञासा)
@Kajal Kumar
ReplyDelete:-).....now seems MUSHARRAF is a new icon.
MUSHARRAF :)
ReplyDeleteवह जो सिर चढ कर बोले :)
ReplyDelete.आपकी जिज्ञासा का उत्तर कोई दार्शनिक ही दे सकता है ।
ReplyDeleteकाजल कुमार की बात चुटीलापन लिये पर है तो सही !
मॉडरेशन हटा दिया... अब नियमित आता रहूँगा !
ReplyDeleteहमरा न दस्कत के कउनो भैलू है न ऊ का कहत आटोगराफ़ कै !
ReplyDeleteवैसे ई मुलुक मा बाबू के दस्कत सबते कीमती हैं !
बात एक हद तक सही है पर दस्तखत ऑटोग्राफ बने बिना भी सफल लोग बहुत हैं... :)
ReplyDeletesabse badiya
ReplyDeletehttp://shayaridays.blogspot.com
बहुत बढ़िया. अब से मैं सिग्नेचर की जगह सीधे औटोग्राफ ही किया करूंगा:)
ReplyDelete:-P
ReplyDeleteप्रवीण जी हस्ताक्षर को ऑटो ग्राफ बनाने में बहुत ही संघर्ष की आवश्यकता है
ReplyDeletegreat
ReplyDeleteसही है .....
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें ..
क्या बात है ! आपकी बात में दम है!
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