शिक्षा में नवाचार
प्रत्येक वस्तु या क्रिया में परिवर्तन, प्रकृति का नियम है। परिवर्तन से ही विकास के चरण आगे बढ़ते हैं। परिवर्तन एक जीवन्त, गतिशील और आवश्यक क्रिया है, जो समाज को वर्तमान व्यवस्था के अनुकूल बनाती है। परिवर्तन जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में होते हैं। इन्ही परिवर्तनों से व्यक्ति और समाज को स्फूर्ति, चेतना, ऊर्जा एवं नवीनता की उपलब्धि होती है।
What is Innovation?Innovation is the action or process of innovating.
"Innovation is crucial to the continuing success of any Organization."
कहा गया है-
"Change is variation from a previous state or mode of existence."
परिवर्तन अच्छा है या बुरा इस संबंध में शिक्षाविद किल पैट्रिक की स्पष्ट अवधारणा है-
“ परिवर्तन विचाराधीन बात का पूर्ण या आंशिक परिवर्तन है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि परिवर्तन अच्छी बात के लिए है या बुरी बात के लिए।”
इस प्रकार परिवर्तन की प्रक्रिया विकासवादी (Evolutionary) संतुलनात्मक (Horeostatic) एवं नवगत्यात्मक (Heomobilistice) परिवर्तन से जुड़ी होती है। परिवर्तन एवं नवाचार एक दूसरे के अन्योन्याश्रित (Inter dependent) है। परिवर्तन समाज की मॉंग की स्वाभाविक प्रक्रिया से जुड़ा तथ्य है। इसलिए परिवर्तन, नवाचार और शिक्षा का आपसी संबंध स्पष्ट है-
“ नवाचार कोई नया कार्य करना ही मात्र नहीं है, वरन् किसी भी कार्य को नये तरीके से करना भी नवाचार है।”
नवाचार का शिक्षा पर प्रभाव
व्यक्ति एवं समाज में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव शिक्षा पर भी पड़ा है। शिक्षा को समयानुकुल बनाने के लिए शैक्षिक क्रियाकलापों में नूतन प्रवृत्तियों ने अपनी उपयोगिता स्वंयसिद्ध कर दी है।
ट्रायटेन के अनुसार-
“शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वतः नहीं होता वरन् इन्हें खोजना पड़ता है तथा सुनियोजित ढंग से इन्हें प्रयोग में लाना होता है, ताकि शैक्षिक कार्यक्रमों को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य बनाये रख सकें।”
इस प्रकार “नवाचार एक विचार है, एक व्यवहार है अथवा वस्तु है, जो नवीन और वर्तमान का गुणात्मक स्वरूप है।”
नवाचारी शिक्षण (Innovative Teaching) पर यह सीरीज क्रमश: जारी है!
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