साल 2021 में पढ़ाई से लेकर निगरानी तक के लिए होगा सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, जानिए और क्या होने की संभावना।


कोरोना महामारी के कारण प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के क्षेत्र में तेजी से बढ़ा सूचना प्रौद्योगिकी का दखल नए साल में और विस्तार पाएगा। पढ़ाई के साथ अब स्कूलों की निगरानी के लिए भी आइटी का सहारा लिया जाएगा।

नए साल में प्रदेश के 1.59 लाख परिषदीय विद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी के लिए इन स्कूलों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से टैबलेट मुहैया कराने की योजना साकार होने की उम्मीद है। टैबलेट का इस्तेमाल बच्चों की ई-लर्निग और शिक्षकों की बायोमीटिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी किया जा सकेगा। परिषदीय स्कूलों को मूलभूत सुविधाओं से लैस करने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन कायाकल्प अब इस साल 2021 में परवान चढ़ेगा। सभी परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लास संचालित करने का अभियान नए साल में मूर्त रूप ले सकता है।

नए साल में आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने की तैयारी जोरशोर से जारी है, जहां तीन से छह वर्ष के नौनिहाल खेल और मनोरंजक गतिविधियों के जरिये स्कूली शिक्षा को आत्मसात करने का हुनर सीखेंगे। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की कक्षा एक में एनसीईआरटी की किताबें लागू की जाएंगी। नव वर्ष में परिषदीय स्कूलों के क्लासरूम ¨पट्ररिच शैक्षिक सामग्री से सुसज्जित होकर नए कलेवर में नजर आएंगे। नए साल में माध्यमिक स्कूलों को भी कौशल विकास केंद्रों से जोड़ा जाएगा। विद्यार्थी अपने कोर्स के साथ इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी अंग्रेजी और कॉमर्स विषय में भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे। यह बदलाव अप्रैल से लागू होगा।

ज्यादातर विषयों में पहले से ही एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं। अप्रैल में उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करेगा, जिसका शताब्दी समारोह पूरे वर्ष भर मनाया जाएगा। प्रयागराज से इसका आरंभ होगा और समापन लखनऊ में होगा। राजकीय डिग्री कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी नए साल में टैबलेट से पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। आकांक्षी जिलों के कॉलेजों में सबसे पहले टैबलेट दिये जाएंगे। यह कॉलेजों की लाइब्रेरी में रखे जाएंगे और इसमें प्री-लोडेड ई-कंटेंट होगा, जिससे विद्यार्थी इंटरनेट के बिना भी आसानी से पढ़ाई कर सकेंगे।

प्रदेश में निजी क्षेत्र में 28 विश्वविद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया के नए साल में आकार लेने की उम्मीद है। राजकीय डिग्री कॉलेजों में ई-लर्निग पार्क बनेंगे। यहां विद्यार्थियों को इंटरनेट की सुविधा देकर ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा। स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थियों के लिए एकेडमी क्रेडिट बैंक की स्थापना की जाएगी। विद्यार्थी मनचाहे संस्थान में जाकर अपने कोर्स की पढ़ाई के साथ दूसरे विषय पढ़कर क्रेडिट हासिल कर सकेंगे। राज्य विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम समान होगा।

Post a Comment

 
Top