नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी साल से लागू करने की योजना, कैरीकुलम फ्रेमवर्क को तैयार करने का काम लगभग पूरा


नई शिक्षा नीति के अमल के लिहाज से यह साल काफी अहम होगा। इसमें स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने से लेकर कोडिंग और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) जैसी नई विद्याओं को सिखाने की योजना पर भी काम होगा।


 नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल का फिलहाल जो रोडमैप तैयार किया गया है, उनमें ज्यादातर टास्क पर इसी साल से काम शुरू होगा। ऐसे में नीति के अमल के लिहाज से यह साल काफी अहम होगा। इसमें स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने से लेकर कोडिंग और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) जैसी नई विद्याओं को सिखाने की योजना पर भी काम होगा। फिलहाल सरकार ने जो योजना बनाई है, उसके तहत वर्ष 2022 के नए शैक्षणिक सत्र से स्कूली बच्चों की पढ़ाई नए पाठ्यक्रम के तहत तैयार किताबों से होगी। ऐसे में पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम भी इसी साल होगा।


NEP के लिए तीन सौ से ज्यादा टास्कों को चिन्हित किया गया 

नीति के अमल से जुड़ी उच्च स्तरीय कमेटी ने इसे लेकर जो रोडमैप तैयार किया है, उसमें तीन सौ से ज्यादा टास्कों को चिन्हित किया गया है। इनमें से करीब 80 फीसद टास्क पर इसी साल से काम शुरू होगा। इसके लिए सभी की जिम्मेदारी व समयसीमा दोनों ही तय कर दी गई हैं। हालांकि इसके अमल में सरकार की सबसे बड़ी चिंता स्कूली शिक्षा को लेकर है, क्योंकि इसका पूरा जिम्मा राज्यों के पास ही है। ऐसे में राज्यों के साथ मिलकर नीति के प्रभावी अमल को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। आने वाले बजट में भी इसकी झलक दिखेगी। इसमें राज्यों से नीति के मुताबिक ही आगे की योजनाओं को तैयार करने पर जोर दिया गया है।


कैरीकुलम फ्रेमवर्क को तैयार करने का काम लगभग पूरा 

इस बीच, नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने में जुटी एनसीईआऱटी ने कैरीकुलम फ्रेमवर्क को तैयार करने का काम लगभग पूरा कर लिया है। इसके बाद पाठ्यक्रम की विषयवस्तु को लेकर कमेटियों का गठन होगा। यह कमेटियां ही मौजूदा स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के साथ इसे नए पाठ्यक्रम से जोड़ने या फिर हटाई जाने वाली विषय वस्तु के संबंध में सिफारिश देंगी। इसके बाद इसे लेकर कोई फैसला होगा।


बता दें कि हाल ही में शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने भी एनसीईआरटी के मौजूदा पाठ्यक्रम की समीक्षा करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में भी नीति के अमल पर काम शुरू हो गया है। इनमें क्रेडिट बैंक, नए शिक्षकों के प्रशिक्षण को अनिवार्य करने जैसी नीति की सिफारिश को इसी साल से लागू करने की योजना बना ली गई है। हाल ही में यूजीसी ने इसे लेकर पूरा मसौदा भी जारी किया है। अब अगला कदम उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक रेगुलेशन अथारिटी बनाने का है, उस पर भी इसी साल फैसला होना है।

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