नए साल 2024 में उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग से विद्यार्थियों और शिक्षकों को निम्नलिखित आशाएं हैं:
विद्यार्थियों की आशाएं
उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा: विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी, जिसमें पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धति, और संसाधन सभी शामिल हैं।
समान अवसर: विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें समान अवसर मिलेगा, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या आर्थिक स्थिति से हों।
प्रभावी शिक्षण: विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें प्रभावी शिक्षण मिलेगा, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
आत्मविश्वास और दक्षता: विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें आत्मविश्वास और दक्षता मिलेगी, जो उन्हें अपने जीवन में सफल होने में मदद करेगा।
शिक्षकों की आशाएं
उचित वेतन और भत्ते: शिक्षकों को उम्मीद है कि उन्हें उचित वेतन और भत्ते मिलेंगे, जो उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा।
उन्नति के अवसर: शिक्षकों को उम्मीद है कि उन्हें उन्नति के अवसर मिलेंगे, ताकि वे अपने करियर में आगे बढ़ सकें।
अच्छा काम करने का माहौल: शिक्षकों को उम्मीद है कि उन्हें एक अच्छा काम करने का माहौल मिलेगा, जिसमें उन्हें अपने छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाने में मदद मिलेगी।
सम्मान और मान्यता: शिक्षकों को उम्मीद है कि उन्हें समाज में सम्मान और मान्यता मिलेगी।
इन आशाओं को पूरा करने के लिए, सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए
बेसिक शिक्षा पर अधिक खर्च करना: सरकार को बेसिक शिक्षा पर अधिक खर्च करना चाहिए, ताकि स्कूलों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन मिल सकें।
शिक्षकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम प्रदान करना: सरकार को शिक्षकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम प्रदान करना चाहिए, ताकि वे प्रभावी शिक्षण प्रदान कर सकें।
बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए एक ठोस नीति और कार्य योजना बनाना: सरकार को बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए एक ठोस नीति और कार्य योजना बनानी चाहिए, और इस पर लगातार काम करना चाहिए।
इन कदमों के माध्यम से, सरकार उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा को और अधिक गुणवत्तापूर्ण और समावेशी बना सकती है, और विद्यार्थियों और शिक्षकों की आशाओं को पूरा कर सकती है।
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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