मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
39 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘जादुई घोल’


मीना के स्कूल में वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन होना है।  सभी बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी में लगे हैं।  स्कूल की छुट्टी के बाद मीना और उसके दोस्त रिहर्सल के लिए रूक जाते हैं जो कि के नाटक तैयार कर रहे हैं। 

नाटक की थीम इस प्रकार है-
राजकुमारी- (चिंतित स्वर में) मेरे बाल लम्बे क्यों नहीं होते?
लल्ला- आप हरी सब्जियां खाया करो। .......................
................और शाम को लल्ला दीपू के साथ घर पहुँचता है।  लल्ला की माँ बताती है कि उसके छोटे भाई को दस्त लग गए हैं।  (लल्ला की माँ बहुत परेशान है। ) नर्स बहिन जी बुलकर आती हैं।
नर्स बहिन जी- मुन्ना के शरीर में पानी की कमी हो गयी है।


(लल्ला जादुई घोल की बात पूँछता है। )
नर्स बहिन जी समझाती है कि ORS का घोल किसी जादू से कम नहीं है।  जो हमारे शरीर में हुयी पानी की कमी को झट से पूरी कर देता है।  यह अपने स्वास्थ्य केंद्र पर बिलकुल मुफ्त मिलता है।
वार्षिक कार्यक्रम के दिन..........
लल्ल- मीना मेरे शरीर में पानी की कमी हो गयी है.....मैं स्वास्थ्य केंद्र से आया हूँ और घोल लाया हूँ।

मिठ्ठू की कविता-

“जब भी दस्त लगें बच्चों को बात याद कर लेना ।
थोड़ी-थोड़ी देर में ORS का घोल देना ।। ”


आज का गीत-

बन्दर की ना राजा की, बात है दस्त की।
चैन नहीं अब हमको आये,कमजोरी से दिल घबराये।
खून सूख जाता है, थका-थका सा लगता है।
ORS का करके पान, करो इसका काम तमाम।


आज का खेल-
‘भेद खोलना है उसका जो बैठा है बीच में छुपकर’
अलग खिलाडी बताओ-
१)  कपिल देव
२)  सुनील गावस्कर
३)  सचिन तेंदुलकर
४)  विश्वनाथन आनंद

उत्तर- ‘विश्वनाथन आनंद’ क्योंकि ये शतरंज के खिलाडी हैं, बाकी के क्रिकेट खेलते है।


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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