मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
32 - आज का कहानी का शीर्षक -'दिनचर्या का पालन'
आज मीना दीपू के साथ सुनील के घर पर है। सुनील ने इस साल स्कूल से एक भी छुट्टी नहीं ली और पढ़ाई में भी अब्बल रहा। सुनील बताता है की छुट्टियों में वह अपने दादा जी (जो गांव से दूर सुनसान सी जगह पर रहते है।) के पास रह कर आया था, उन्होंने ही उसे हमेशा स्वस्थ रहने की तरकीब बताई थी।
सुनील के पिताजी मीना के इच्छा जाहिर करने पर ,उसे सुनील से कहकर दादाजी से मिलाने को कहते हैं। चूँकि सुनील शाम को ही दादा के पास चला जायेगा,इसलिए दीपू मीना को साथ लेकर जायेगा क्योंकि दीपू दादा जी के घर पर उनसे मिल चुका है।
अगली सुबह.....मीना दीपू के घर पहुँच जाती है। दीपू दादा जी से मिलने से झिझकता है।वो पिछला अनुभव बताते हुए कहता है कि उसने रसोई से केला उठा के खा लिया था, दादा जी ने उसे झट से पकड़ लिया था। दीपू इसे जादू कहता है।
मीना और दीपू ,सुनील के दादा जी के घर पहुँचते है। (सुनील घर के पीछे दौड़ लगाने व कसरत करने गया है) दादा जी बताते है की उनकी उम्र 90 वर्ष है लेकिन वह अपना काम स्वयं ही करते है और मीना और दीपू के लिए रसोई से पानी लाकर देते हैं।
दादाजी-(दीपू से) दीपू आज नहा कर क्यों नहीं आये?
दीपू-(सपकपाते हुए) आपने कैसे जाना?
दादाजी- तुम्हारी उँगली पर लगी स्याही देखकर।
दीपू उत्सुकतावश पूँछता है कि उस दिन केला खाने वाली बात कैसे पता लगी। दादाजी कहते हैं कि तुम्हारी जेब से केला का छिलका दिख रहा था।
दादाजी बताते है की स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
(इतने में सुनील वापस आ जाता है)
सुनील बताता है कि दिनचर्या का पालन मतलब- अपने दिन के सभी काम जैसे-सुबह उठना,दाँत साफ करना,नहाना,नाश्ता करना,नियत समय पर स्कूल जाना,......इत्यादि। दादाजी बताते हैं कि नियत समय पर खाना खाने से हमारे शरीर को ताक़त मिलती है।
दीपू भी दिनचर्या का पालन करने की ठान लेता है।
आज का गीत- अब न मुँह पर चादर ओढ़ो
सुबह हो गयी आँखें खोलो।
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अपने दिन के नियम बनालो।
अच्छी-अच्छी आदत डालो।
आज का खेल - 'अन्त्याक्षरी'
बरसात~
ब- बालूशाही(मिठाई)
र- रबड़ी
स- संगीत
त- तबला
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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