मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
30 ~ आज की कहानी का शीर्षक – मदद
आज मीना स्कूल थोड़ी देर से पहुँची।बहिन जी द्वारा देर से आने का
कारण पूँछने पर मीना ने बताया की उसने स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले
हैण्डपम्प पर दीनू काका की पानी से भरी बाल्टी उठाने में मदद की।शोभा ने जब
मदद के बदले इनाम की बात पूँछी तो मीना ने जवाब दिया ,'मैंने इनाम के लिए
मदद नहीं की।'
बहिनजी बच्चों से कहती हैं कि,किसी की मदद करेंगे
और कल उसे कॉपी में लिखकर लायेंगे।और जिसकी मदद सबसे उत्तम होगी उसके लिए
तालियाँ बजबाई जाएँगी।
अगले दिन......बहिन जी बारी बारी से सबकी कापियाँ देखती हैं....
√ सुनील ने गोलू भैया की 'भूरी' बकरी ढूँढने में मदद की।
√ दीपू ने पोंगाराम चाचा की,आम तुड़वाने और गिनवाने में मदद की।
√ मीना ने शन्नो चाची के बेटे गुल्लू को 'चिड़िया और उल्लू' नामक कहानी पढ़कर सुनाई।
√ सोमा ने मुर्गी की मदद की.....सरपंच जी के घर के बाहर लगे तारों से मुर्गी को सुरक्षित बाहर निकाला।
बच्चों द्वारा पूँछने पर कि 'यह कैसी मदद ?' इस पर बहिनजी ने बच्चों
को समझाया कि मदद मदद होती है चाहे जानवर की हो या इंसान की।
√ मोनू ने कल स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले हैण्डपम्प के आस-पास साफ सफाई की ।
आज का गीत- गाँव हमारा है,सबसे प्यारा है
साफ रखें इसको,मिलके हम और तुम।।
अपने घर जैसा चम-चम ये चमके।
इधर-उधर कुछ भी नहीं फैंकते हम।
आज का खेल-खाली स्थान भरो-
सत्यमेव _________ (जयते)
अर्थ- जीत हमेशा सत्य की होती है।
श्री मदन मोहन मालवीय जी ने कही थी।जो हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनका जन्म इलाहाबाद में हुआ था।
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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