मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
44 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘विटामिन ‘A’ का महत्त्व’

आज मीना की बहिन जी छुट्टी पर हैं।   आज तो स्कूल में मजा आने वाला है।   मीना, लल्ला और भोलू के साथ खाना खा रही है।

भोला- बहिन जी कहती हैं कि पालक और गाजर में विटामिन ‘A’  होता है, जो आँखों के लिए फायदेमंद होता है। 

और अगले दिन......अरे! ये क्लास में बिल्ली की आवाज़ कहाँ से आ रही है।   सुनील कहता है कि यह मेरी बिल्ली है’ इसे हम प्यार से म्याउँ कहते हैं।   बहिन जी कहतीं हैं कि कोई भी, पालतू जानवर क्लास में नहीं ला सकता। 

अगले दिन रविवार की सुबह......(सुनील भागता हुआ आता है) उसका म्याउँ किसी ने चुरा लिया है।   सब म्याउँ को ढूँढ़ने निकल पड़ते है।   लल्ला भोलू से भी चलने को कहता है, लेकिन भोलू मना कर देता है।   उसे लगता है  कि भोलू ने ही म्याउँ को चुराया है। 

तलाश करते-करते सब लल्ला के घर पहुँच जाते हैं पर म्याउँ कहीं नहीं मिलता है।  
तब लल्ला का छोटा भाई (जो उम्र में बहुत छोटा है) के बार-बार म्याउँ चढ़ गया पेड़ पर.....म्याउँ चढ़ गया पेड़ पर दोहराने पर ध्यान पीपल के पेड़ पर जाते है।  

(सब पास जाकर देखते हैं)
म्याउँ ऊँची डाल पर जाकर बैठ गया है।   मीना पेड़ पर चढ़ने को होती है तब तक वहां भोलू आ जाता है ............ भोलू म्याउँ को पेड़ से नीचे उतारता है।   लल्ला को अपनी गलती का अहसास होता है वह भोला से माफ़ी मांगता है।  

सब मुन्ना की तारीफ करते हैं।   मुन्ना की माँ कहती है कि यह सब मुन्ना को समय पर दी गयी विटामिन ‘A’ का नतीजा है इसीलिए मुन्ना के आँखों की रौशनी ठीक है।   मीना नर्स बहन जी की बात याद दिलाती है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को विटामिन ‘A’ समय पर दिया जाना बहुत जरूरी है।   यह लाल और हरे पत्तेदार सब्जियों व पीले फलों में बहुतायत में पाया जाता है।  सोमा अपनी बहन पारो को लेकर चिंतित है ,और आगे से लाल हरे पत्तेदार सब्जियां नियमित रूप से सेवन करने का प्रण लेती है।


आज का गीत-
छोटा सा मेरा भाई .........
इसे सुनाउँ ये गाना ........
जब या बोलना शुरू करेगा ,भईया भईया मुझे कहेगा
..........................................................................
माँ ने सब सिखाया मुझको .....
छोटू मेरी जान .......


आज का खेल-
कड़ियाँ जोड़ पहेली तोड़

१) बूझो-बूझो कौन हूँ में, नाम मेरा बतलाओ।
हरे रंग से लाल हो जाती, जो पानी मुझमे मिलाओ। 

२) अक्सर मैं मिल जाउँ, तुम लोगों को घर में।
कोई लगाये हाथों में कोई लगाये सर में।

३) जब होती है कोई भी शादी,दुल्हन मुझे लगाती।
रंग मेरा जब चढ़ता गाड़ा,और भी खुश हो जाती।

- मेंहदी


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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