मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
36 - आज की कहानी का शीर्षक- ताकत का टानिक


मीना की सहेली रीना बताती है कि कल उसकी मौसी की बेटी मौसमी आ रही है इसलिए वह बहुत खुश है।  मीना पूँछती है कि क्या मौसमी दीदी हमारे साथ खो-खो भी खेलेगी।

अगले दिन.....मीना मौसमी से मिलने रीना के घर पहुँचती है।  रीना, मौसमी का परिचय मीना से कराती है।  रीना मौसमी से कंचे खेलने को कहती है परन्तु मौसमी कंचे खेलने से मना कर देती है क्योंकि वह अब बड़ी हो गयी है।

रीना- (खांसते हुए) मौसमी दीदी! चलो रस्सी कूदते हैं।
मौसमी- नहीं,रस्सी कूदने से मेरी सांस फूल जाती है......मैं सोने जा रही हूँ।  (मौसमी चली जाती है)
रीना खांसते हुए ही मीना को बताती है कि मौसमी दीदी की तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही है जब से आयीं हैं तब से थकी-थकी सी लग रही हैं।

रीना की माँ, बार-बार रीना को खांसते देखती है तो ....मीना को रीना के साथ दावा लाने को नर्स बहिन जी के पास भेज देतीं हैं। नर्स बहिन जी रीना की जाँच कर खांसी की दवा दे देती हैं।

नर्स बहिन जी- (रीना से) तुम कितने वर्ष की हो?
रीना- नर्स बहिनजी, अगले महीने की १५ तारीख को १० साल की हो जाऊँगी।
नर्स बहिन जी- अपने जन्मदिन के बाद मेरे पास आना ....मुझे तुम्हे एक तोहफा देना है।

और अगले दिन......रीना, मीना को आकर बताती है कि मौसमी दीदी ने आज फिर खो-खो का खेल खेलने से मना कर दिया है । (तब तक मौसमी आ जाती है)

मौसमी-(हांफते हुए)तुम्हारी सारी सहेलियां खेल के मैदान पर इंतजार कर रहीं हैं।


(सब खेल के मैदान की तरफ चल देती है)

मौसमी चक्कर खा कर गिर जातीं है।  नर्स बहिन जी बुलकर आती हैं। तब तक रीना की माँ भी आ जाती हैं। मौसमी बताती कि पहले भी एक-दो बार स्कूल में भी ऐसा हो चुका है।

नर्स बहिनजी- (मौसमी से) क्या तुम आयरन की गोलियां लेती हो?
मौसमी- नहीं नर्स बहिन जी, मैं पहले कभी बीमार ही नहीं पड़ी।

नर्स बहिन जी समझाती हैं कि आयरन की गोलिया बीमारी के लिए नहीं ताकत के लिए होती हैं। यह ताकत का टानिक हैं, जिसे १० वर्ष के ऊपर की लड़कियां (किशोरावस्था में) हफ्ते में एक गोली एक बार लें तो चक्कर आना खून की कमी, कमजोरी, थकावट आदि ऐसी समस्याएं नहीं होती।

मीना- अब समझी बहिन जी कि आप रीना को तोहफे में आयरन की गोलियां देना चाहती थीं क्योंकि अगले हफ्ते वह भी १० वर्ष की हो जाएगी।


आज का गीत-
जब मैं गाऊँ साथ मैं तुमको गाना पड़ेगा।
लेकिन पहले पूरा खाना खाना पड़ेगा। ।
पूरा खाना.....पूरा खाना क्या होता है ?
मैं बताता हूँ.......................................
कितनी सुन्दर सजी है थाली,
रोटी चावल सब्जी डाली ।
दही भी है और दाल भी देखो,
संग ताकत के स्वाद भी देखो।
ताकतवर तो खुद को बनाना पड़ेगा।
इसीलिए तो पूरा खाना खाना पड़ेगा।।


आज का खेल- ‘दिमाग लगाओ शब्द बनाओ’
शब्द- अतिथि (मेहमान)
अ- आम
मुहावरा- आम के आम गुठलियों के दाम (कुछ बेकार न जाना)
त-ताला
मुहावरा- अक्ल पर ताला पड़ना (बात समझ में न आना)
थ- थाली
मुहावरा- एक ही थाली के चट्टे-बट्टे (एक सामान होना)


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   

Post a Comment

 
Top