मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-17
कहानी का शीर्षक- ‘जादुई शीशा’
अरे! ये मीना क्या ढूँढ रही है?....उसे कुछ मिल जाता है। रानो कहती है यह तो अजीब सा शीशा है इसमें सब कुछ बड़ा-बड़ा दिखाई देता है।.....फिर मीना उसी शीशे से डाकिया चाचा की साइकिल से कील निकालने में मदद करती है।
मीना खुशी-खुशी घर आती है...तो सभी घर और गाँव वाले ट्रैक्टर की कील ढूँढवाने में मदद कर रहे होते है।....मीना भी कील ढूँढवाने में मदद करने को कहती है। मीना के पिताजी कहते हैं कि तू कैसे ढूँढवायेगी? तभी मीना अपना जादू का शीशा निकालती है और थोड़ी देर में कील ढूँढ देती है। सभी बड़े खुश होते है। वह जादुई शीशा सबको दिखाती है।
मीना के घर पर खाना खाने के समय राजू हाथ धोकर जैसे ही खाना खाने बैठता है तो मीना कहती है कि राजू तुम्हारे हाथ तो बहुत गंदे हैं।........वह जादुई शीशा निकलती है और उससे देखती है। ..... तुम्हारे हाथ तो बहुत ही गंदे है।.....फिर राजू दोबारा हाथ साबुन से धोने जाता है।
मीना समझाती है कि अगर साबुन से रगड़-रगड़ कर हाथ नहीं धोयें जाएँ तो हाथ गंदे ही रहते है।
सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है साबुन से हाथ धोना।
आज का गीत-
रगड़-रगड़ भाई रगड़-रगड़ हाथ धोऔ रगड़-रगड़
हाथ धोऔ साबुब से रगड़-रगड़ भाई रगड़-रगड़
साफ दिखाते हैं जो हाथ लेकिन नहीं होते वो साफ
जो हाथ रगड़-रगड़ धोता, बीमार कभी न होता ।
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आज का खेल- ‘कड़ियाँ जोड़ पहेली तोड़’
◈ उसके सर पर होते बाल
सुबह-सुबह हम करते इस्तेमाल।
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✓ उत्तर-‘टूथब्रश’
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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