प्रोजेक्ट के प्रकार

प्रोजेक्ट दो प्रकार के होते है।

1. व्यक्तिगत प्रोजेक्ट- व्यक्तिगत प्रोजेक्ट ऐसे प्रोजेक्ट होते है जिन्हें प्रत्येक विद्यार्थी स्वतंत्रतापूर्वक अपने ढंग से पूर्ण करता है। प्रत्येक विद्यार्थी को अलग-अलग योजनायें दे दी जाती है और वे उन्हें पूर्ण करते है।

2. सामूहिक प्रोजेक्ट- सामूहिक प्रोजेक्ट में एक ही प्रोजेक्ट पर कई विद्यार्थी कार्य करते हैं और सहयोगिक प्रयत्नों से उन्हें पूर्ण करते हैं। इस प्रकार उनमें सामाजिकता तथा नागरिकता जैसे - सहयोग, आपसी समझ, अनुशासन, धैर्य आदि गुणों का विकास होता है।

विशेषताओं के आधार पर प्रोजेक्ट चार प्रकार के होते है। 

1. रचनात्मक प्रोजेक्ट- ऐसे प्रोजेक्ट जिनके विचार अथवा योजना को वाह्यरूप से स्पष्ट किया जाये रचनात्मक प्रोजेक्ट कहलाते हैं। जैसे- नाव चलाना, ड्रामा प्रस्तुत करना, पत्र लिखना आदि।

2. रसास्वादन प्रोजेक्ट-  ऐसे प्रोजेक्ट जिनका प्रयोजन सौन्दर्यानुभूति हो रसास्वादन प्रोजेक्ट कहलाते हैं जैसे- कहानी सुनना, चित्र देखना, गाना सुनना आदि।

3. समस्यात्मक प्रोजेक्ट-  ऐसे प्रोजेक्ट जिनमें किसी बौद्धिक कठिनाई अथवा समस्या का हल ढूॅंढना हो समस्यात्मक प्रोजेक्ट कहलाते है। जैसे- ताप पाकर द्रव क्यों फैलते हैं आदि।

4. विशेष ज्ञान अथवा कौशल प्रोजेक्ट-   इन योजनाओं का उद्देश्य किसी कार्य में दक्षता अथवा उसका ज्ञान प्राप्त करना होता है। जैसे- किसी चक्र को चलाना अथवा उसको चलाने का ज्ञान प्राप्त करना।


प्रोजेक्ट की विशेषताएं
1. छात्रों को मौलिक चिन्तन, क्रियाओं तथा अनुभवों द्वारा सीखने का अवसर मिलता है।
2. छात्रों को नवीन ज्ञान जीवन से संबंधित करके दिया जाता है। इसलिए अधिक उपयोगी होता है एवं छात्र रूचि लेता है।
3. छात्रों में सूझ की क्षमताओं का विकास होता है।
4. मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक अधिनियमों पर आधारित है।
5. विद्यालय के सभी विषयों को समन्वित रूप में पढ़ाया जाता है। इससे बोधगम्यता अधिक होती है।
6. छात्र में ज्ञान के साथ सामाजिक गुणों का विकास होता है।


प्रोजेक्ट के सोपान

सभी प्रकार के प्रोजेक्ट में निम्नलिखित सोपानों का अनुसरण किया जाता है-
  • छात्रों के जीवन से संबंधित समस्या का चयन करना।
  • समस्या चयन तथा उसके स्वरूप को समझना।
  • समस्या समाधान के लिए योजना तैयार करना।
  • योजना को क्रियान्वित करना।
  • योजना का मूल्यांकन करना।
  • योजना का आलेख तैयार करना।

प्रोजेक्ट चुनने के लिये विषयवस्तु के चयन का मानदण्ड- प्रोजेक्ट चुनते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।

1. ऐसे प्रोजेक्ट ही चुने जायें जिनका कुछ शैक्षिक मूल्य हो।
2. प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि उसको क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक सभी वस्तुयें उपलब्ध है अथवा नहीं।
3. ऐसे प्रोजेक्ट नही चुनने चाहिए जिनको पूर्ण करने के लिये मॅंहगी सामग्री की आवश्यकता हो।
4. ऐसा प्रोजेक्ट चुने जिसमें आवश्यकता से अधिक समय न लगे। उसे उतने समय में ही पूरा हो जाना चाहिए जितना समय पाठ्यक्रम के उस भाग को पूरा करने में लगता है।


प्रोजेक्ट निर्माण के अंतर्गत कुछ मुख्य बिन्दु


1. प्रोजेक्ट का शीर्षक
2. प्रोजेक्ट कर्ता का नाम- ........................................
3. कक्षा- .......................................
4. स्थान- ........................................ (विद्यालय का नाम)
5. प्रोजेक्ट निर्देशक- .......................................
6. प्रस्तावना-
7. विषय वस्तु के बारे में
(क) पूर्व ज्ञान से संबंधित जानकारियॉं
(ख) विषय वस्तु से संबंधित जानकारियॉं
(ग) विषय वस्तु से संबंधित नियम
(घ) विषय वस्तु से संबंधित ऑंकड़े
(ड.) अन्य जानकारियॉं
8. प्रोजेक्ट मॉंडल का निर्माण
(क) आवश्यक सामग्रियॉं
(ख) निर्माण विधि
9. निष्कर्ष
10. स्त्रोत
11. प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण- कक्षा में प्रस्तुतीकरण के दौरान
(क) समालोचना
(ख) मूल्यांकन

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