मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-33
कहानी का शीर्षक- "लाला जी की दावत" - ‘हलवाई की मिठाई’
गोलू, अपने लालाजी का बेटा कक्षा में प्रथम आया है। गोलू अपने पिताजी से कहता है कि आपने कहा था की प्रथम आने पर आप मुझे दावत देंगे। लालाजी, गोलू को 50पैसे देकर कहते हैं- ‘ये लो,गुब्बारे ले आना। ’
लेकिन गोलू नहीं मानता....और लालाजी को अपने दोस्तों को दावत देने को राजी कर लेता है।
गोलू के जन्म दिन पर सभी बच्चे, गोलू के घर पहुंचते है। किशन हलवाई द्वारा मिठाइयाँ तैयार की जानी हैं....लेकिन काफी समय इंतज़ार करने के बाद भी हलवाई मिठाइयाँ तैयार नहीं कर पाता।
सब वहां जाकर देरी का कारण पूंछते हैं, इस पर हलवाई कहता है कि मेरे पास सामान ही पूरा नहीं है कहाँ से मिठाई तैयार कर दूँ?
गोलू के पिताजी कहते हैं कि मैंने तो पूरा सामान मंगवा दिया है। इस पर हलवाई कहता है कि साबुन कहाँ है इसमे?
मैं साबुन से हाथ धोये बिना मिठाई नहीं बना सकता। ....तभी तो मेरे द्वारा बनाई मिठाई खाकर कोई बीमार नहीं हुआ।
....और हलवाई हाथ धोकर मिठाइयाँ तैयार करता है, और बच्चे बड़े मजे से मिठाइयाँ खाते हैं।
आज का गीत-
पता चला बातों-बातों में
पता चला बातों-बातों में।
राज़ है स्वच्छ हाथों में
राज़ सेहत का हाथों में,
हाथ मिलाते दोस्त बनाते,
हाथ हिला कर टाटा करते।
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आज का खेल- ‘कड़ियाँ जोड़ पहेली तोड़’
▷ गेंद के जैसा गोलम गोल
स्वाद पे इसके सब जाएँ झोल
मोती जैसे दाने इसके
मीठा-मीठा क्या है बोल।
✓ उत्तर-‘मोतीचूर का लड्डू’
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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