सभी स्कूलों और शिक्षकों को साथ लेकर चलने की जरूरत, कुछ उत्कृष्ट उदाहरणों को प्रोत्साहन के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियां बनाये जाने पर हो पुनर्विचार
पर मंझधार में अभी भी कई नावें उलझी हुई हैं।"
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की बात हो तो अक्सर चर्चा केवल कुछ विशेष और सुसज्जित स्कूलों, और गिने-चुने उत्कृष्ट शिक्षकों तक सीमित रह जाती है। यह सच है कि कुछ बेहतरीन शिक्षक और शानदार स्कूल एक मिसाल बनते हैं, परंतु यह भी उतना ही सत्य है कि पूरे शिक्षाक्षेत्र की हालत इन थोड़े से उदाहरणों के भरोसे नहीं सुधारी जा सकती। इनकी प्रशंसा में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए, पर यह भी समझना जरूरी है कि शिक्षा का दायरा अत्यंत विस्तृत है, जिसमें केवल कुछ हिस्सों की चमक बाकी हिस्सों के अंधकार को मिटा नहीं सकती।
पिछले कुछ वर्षों में, शिक्षा के क्षेत्र में कुछ उत्कृष्ट उदाहरणों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियां बनाई गईं। इनसे कुछ स्कूलों और शिक्षकों को जरूर आगे बढ़ने का अवसर मिला, लेकिन व्यापक सुधार के लिए इन नीतियों का प्रभाव सीमित रहा। यह ठीक वैसे ही है जैसे एक बड़े फसल क्षेत्र में केवल कुछ पौधों को पानी और खाद दी जाए और बाकी पौधे सूखे रह जाएं। समग्र फसल के लिए समग्र देखभाल आवश्यक है, केवल कुछ पौधों की नहीं।
समग्र परिवर्तन के लिए, शिक्षा क्षेत्र में सभी स्कूलों और शिक्षकों को साथ लेकर चलने की जरूरत है। यह परिवर्तन छोटे और सीमित दायरे में नहीं बल्कि बड़े और विस्तृत स्तर पर होना चाहिए। शिक्षा प्रणाली को एक मजबूत और सक्षम आधार देने के लिए व्यापक स्तर पर नीतिगत बदलावों की जरूरत है। इस संदर्भ में, शिक्षक प्रशिक्षण, संसाधनों का उचित वितरण, और पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्कूलों की स्थिति में सुधार लाना भी अत्यंत आवश्यक है।
कुल मिलाकर, केवल कुछ उत्कृष्ट उदाहरणों पर ध्यान केंद्रित करना शिक्षा के क्षेत्र में वास्तविक सुधार नहीं ला सकता। इसके लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें सभी विद्यालयों और शिक्षकों को साथ लेकर चलने की क्षमता हो। शिक्षा क्षेत्र में एक व्यापक और विस्तृत सुधार की आवश्यकता है ताकि हर बच्चा एक समान और उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर सके।
कुछ दीपक से अंधेरा नहीं मिटेगा,
बदलना है तो सूरज को उगाना होगा।
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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