मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-24

आज की कहानी का शीर्षक- “किस से कहूँ?”

मीना,चिंटू और सुमी स्कूल जा रहे हैं। मीना ये जानने को उत्सुक है कि अगले हफ्ते होने वाली प्रतियोगिता का विषय क्या होगा? और उस प्रतियोगिता के लिए किस-किस विद्यार्थी का चयन हुआ होगा?

मीना,चिंटू और सुमी स्कूल पहुंचे। सूचना पट पर कागज लगा हुआ था। मीना,सुमी और चिंटू भाग के सूचना पट के पास पहुंचे। अगले हफ्ते होने वाली प्रतियोगिता के लिए जिन बच्चों का चयन हुआ है उनके नाम हैं- दीपू,रोशनी,कृष्णा,मीना,चिंटू और सुमी। प्रतियोगिता का विषय है विज्ञान।

चूँकि चिंटू को विज्ञान से डर लगता है इसलिए वो उदास हो जाता है।
सुमी-चिंटू...क्या तुम्हें सचमुच विज्ञान से डर लगता है?

चिंटू- सुमी, डर तो लगेगा ही क्योंकि मास्टर जी जिस तरह विज्ञान पढ़ाते हैं...मुझे तो कुछ समझ नही आता।

चिंटू प्रतियोगिता को लेकर बहुत उदास था और जब स्कूल की छुट्टी के बाद वो अपने घर पहुंचा....

उसकी माँ ने उसे खाना खाने को कहा। चिंटू बोला, ‘मुझे भूख नहीं है माँ।.... प्रतियोगिता के लिए मुझे चुन लिया गया है माँ लेकिन ....मैं

प्रतियोगिता में भाग नहीं लूँगा क्योंकि प्रतियोगिता का विषय विज्ञान है।.....मैं विज्ञान में बहुत ही कमजोर हूँ। 

मास्टर जी जी क्या पढ़ाते हैं मुझे कुछ समझ नही आता।
माँ ने पूँछा, ‘क्या तुमने इस बारे में मास्टरजी से बात की?

चिंटू- नहीं माँ....अगर मैं उनसे इस बारे में बात करूं और वो गुस्सा हो गए तो।

चिंटू की माँ उससे सुमी के घर चलने को कहती हैं... “सुमी के पिताजी स्कूल प्रबन्धन समिति के सदस्य है। मैं उनसे कहूंगी कि वो प्रिंसिपल साहिबा से इस बारे में बात करें।”

और फिर थोड़ी देर बाद चिंटू की माँ और चिंटू गए सुमी के घर। सुमी के माँ, अगले हफ्ते होने वाले अपने भांजे की शादी में, जाने को तैयार खडी हैं। चूँकि उनकी बस का समय हो जाने के कारण सुमी के पिताजी उनकी समस्या के बारे में, कल स्कूल प्रबन्ध समिति की मीटिंग में आके, बात करने को कह देते हैं।

चिंटू की माँ(लीला)-...सुमी, खूब मजे करना शादी में।

सुमी के पिताजी- लीला भाभी...सुमी कहीं नहीं जा रही ....वो इसलिए अगर सुमी शादी में गयी तो फिर स्कूल कौन जाएगा?

और अगले दिन स्कूल प्रबंधन समिति की मीटिंग में.....
सुमी के पिताजी-....लीला भाभी का कहना है कि विज्ञान के मास्टर जी ठीक से नही पढ़ाते।
लीला- जी प्रिंसिपल साहिबा....इसी वजह से मेरा बीटा चिंटू अगले हफ्ते होने वाली प्रतियोगिता में भाग नहीं लेना चाहता।

प्रिसिपल साहिबा-....अगर मास्टर जी ठीक ढंग से नहीं पढ़ाते तो अब तक कई बच्चों की शिकायत हमारे पास आ गयी होती।

सुमी के पिताजी सुझाव देते है, ‘सुमी और मीना भी चिंटू की क्लास में पढ़ते हैं क्यों न उन्हें यहाँ बुलाके ये बात पूँछी जाए?”
चौकीदार मीना औए सुमी को लेकर प्रिंसिपल साहिबा के दफ्तर में पहुँचा।

प्रिसिपल साहिबा- मीना...सुमी, क्या तुम्हें विज्ञान के मास्टर जी से कोई शिकायत है? मेरा मतलब क्या वो ठीक से नही पढ़ाते?

मीना-...ऐसी कोई बात नही है।
चिंटू- मुझे विज्ञान के पाठ समझने में बहुत मुश्किल होती है।

प्रिसिपल साहिबा- मीना जरा वो उपस्थिति का रजिस्टर लाना तो।

चिंटू पिछले महीने में सिर्फ ९ दिन ही स्कूल में आया था।
प्रिंसीपल साहिबा लीला से कहती हैं, ‘अब आपको पता चला कि चिंटू को विज्ञान पढ़ने में मुश्किल क्यों आ रही है?’

सुमी के पिताजी- किसी भी विषय के पाठ जंजीर के कड़ियों की तरह होते है एक दूसरे से जुड़े हुए,एक भी कड़ी छुट गयी तो समझो जंजीर टूट गयी।

चिंटू को बात समझ आ जाती है और उसकी माँ लीला को भी।

सुमी के पिताजी प्रश्न उठाते हैं, ‘...चिंटू की समस्या कैसे हल की जाए।?’

मीना कहती है, ‘चाचा जी, प्रतियोगिता होने में अभी एक हफ्ता है तब तक सुमी और मैं चिंटू को विज्ञान के वो सभी पाठ पढ़ा देंगे जो छुट्टियाँ लेने के कारण ये नहीं पढ़ पाया था।

बहिन जी- शाबाश! मीना, मैं भी मास्टर जी से कहूंगी कि वो भी क्लास में चिंटू की तरफ विशेष ध्यान दें।

मीना,मिठ्ठू की कविता-
“अपने मन के कागज़ पे इस बात को करलो दर्ज,
रोज स्कूल बच्चों को भेजना हर माँ बाप का फर्ज”

आज का गीत-
हो हो हो हो.......
अपने हाथ से अपने बच्चों का भविष्य बनाओ
स्कूल प्रबन्ध समिति से तुम जुड़ जाओ
वादा हैं हमें खुद से ही खाते हैं ये कसम
रोज अपने बच्चों को भेजेंगे स्कूल हम-२
फर्ज है ये अपना अब ही ये जिम्मेदारी
आने वाले कल की आज करनी है तैयारी
पौधों को देना है पेड़ों जैसा दम
रोज अपने बच्चों को भेजेंगे स्कूल हम-२
...............................................
आज ये सीखेंगे कल सिखलायेंगे
हमें गर्व होगा जीवन में नए रंग बिखरायेंगे
आँखे खुशी से फिर होंगी हमारी नम
रोज अपने बच्चों को भेजेंगे स्कूल हम-२

आज का खेल- ‘नाम अनेक अक्षर एक’

अक्षर- ‘त’

व्यक्ति- तात्या टोपे
वस्तु-ताला
जानवर- तेंदुआ
जगह- तेजपुर [आसाम(असोम) राज्य में है]

आज की कहानी का सन्देश-    
 “अपने मन के कागज़ पे इस बात को करलो दर्ज,
   रोज स्कूल बच्चों को भेजना हर माँ बाप का फर्ज”

मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिक से अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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