मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
                                                                   एपिसोड-55

आज की कहानी का शीर्षक- “लड़कियां कहाँ जायें?
              मीना, रानो, सुमि, ऋतू सारी सहेलियाँ पकड़म पकडाई खेल रही हैं।
.......तभी बहनजी आकर बताती हैं की उनका स्कूल पूरे जिले में  पहले नंबर पर  आया है तथा उन्हें १००% उपस्थिति का पुरस्कार मिला है।........कल उन सब को गंगापुर जाना है, क्योंकि वह आखिरी  नंबर पर आया है, वहां लड़कियों की उपस्थिति तो न के बराबर है।
  
  .......सभी अगले दिन बस से हँसते खेलते गंगापुर को निकलते हैं।
 परंतु रानो परेशान हैं क्योंकि उसे शौचालय जाना है। सभी बेसब्री से गंगापुर पहुँचना चाहते हैं.......... ताकि वे लड़कियों  शौचालय में बेफिक्र हो कर जा सकें।
       

     बस गंगापुर विद्यालय के सामने रूकती है ......... वहाँ की प्रधानाध्यापक सबका स्वागत करती हैं ........... लड़कियों उसकी परेशानी का कारण पूछती हैं ........ पता चलने पर अपने विद्यालय की सुनीता को उन सबको शौचालय ले जाने को कहती हैं। .........लड़कियाँ शौचालय की गंदगी, बदबू, मक्खियाँ.......इत्यादि से परेशान हो उसके अंदर जाने से इन्कार कर देती हैं, परन्तु रानो से रुका नहीं जाता और वह अंदर चली जाती है। मगर........ ये क्या ?
रानो चीखती हुई बाहर निकलती है।
     
शौचालय में (आकाश और बन्टी, उसी विद्यालय के दो छात्र) लड़के थे, वो रानो से पूछ्ते हैं कि  वह भाग क्यों आई? ...........क्या उन्हें देख डर गयी?
मीना उन दोनों से पूछती है,..... कि क्या वहां लड़कियों के लिये दूसरा शौचालय है??
पर उत्तर में '' मिलता है।
  
     मीना और उसकी सहेलियाँ, सुनीता से पूछती हैं कि क्या यहाँ लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं है, ......... सुनीता उन्हें सरपंच जी के घर (जोकि वहाँ से काफी दूर है) यहाँ ले जाती है।

.................इधर विद्यालय में मीना की बहनजी लड़कियों के वापस न आने से परेशान होने लगती हैं।
गंगापुर की प्रधानाध्यापक, बहनजी से पूछती हैं कि एक सी किताबों, एक सी अध्यापकों की संख्या, समान सुविधा होने के बावजूद.....एक विद्यालय प्रथम और दूसरा सबसे नीचे कैसे आया?

(तभी वहां लडकियां वापस आकर बहनजी को सब कुछ बताती हैं।)

     ....बहिन जी  उत्तर देती हैं की यहाँ लड़कियों के लिए अलग शौचालय न होने के कारण ऐसा हुआ है।

तभी वहां सरपंच जी आते हैं और कहते हैं की वो लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनवाएंगे, तथा वहां की साफ़ सफाई के लिए एक कर्मचारी भी रखेंगे।


आज का गाना-
ऐसा हो कि स्कूल और भी खूबसूरत हो,
हर वो चीज हो जिसकी हमें जरूरत हो|
.................................................
रंग बिरंगी दीवारें हो,सबसे फूल खिलें,
.................................................
ऐसा हो कि स्कूल और भी खूबसूरत हो,
हर वो चीज हो जिसकी हमें जरूरत हो|

आज का खेल-     'कड़ियां जोड़ पहेली तोड़'
इसकी टाँगे होती चार,
करती है सब का सत्कार|
राजनीति में जो भी जाए,
करने लगे इसी से प्यार|
                                                                                    उत्तर: कुर्सी

कहानी का सन्देश-
   
                 ‘रोज़ जाएंगे सब बच्चे विद्यालय, जब लड़का लड़की के लिए हो अलग शौचालय’


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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