मीना
की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-80
दिनांक-17/02/2016
आज की कहानी का शीर्षक- ‘भोला भाला भोलू’
मीना की कक्षा में भोलू भी पढ़ता है| जो निहायत ही सीधा है| जो कोई भी उसे कुछ कहता,भोलू उसे बिना सोचे विचारे मान लेता है|
उसके बिगड़े साथी उसे कभी-कभी बीडी भी पिला
देते, जिसे भोलू मना नहीं कर पाता| मीना ने भोलू
को काफी समझाया कि ये ठीक नहीं, पर वह नहीं माना|
और छुट्टी के दिन भोलू बकरियां चराने गया
तभी उसने देखा कि एक कसाई उसकी एक बकरी को चुराकर ले जा रहा है| भोलू चिल्लाया कि मेरी बकरी छोड़ दो, तभी कसाई ने
कहा कि तुम इसके बदले कुछ खाने-पीने की चीजें और पैसे ले लो और ये बकरी मुझे दे दो|
भोलू ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया और
बोला कि मैं किसी भी कीमत पर ये बकरी नहीं दूंगा.....और जोर-जोर से चोर-चोर चिल्लाया|....और गाँव के
लोगों ने चोर, जो वास्तव में हल्कू चाचा थे, को धर दबोचा|
तभी मीना और उसकी टीचर बहिन जी आयीं, और भोलू को शाबासी दी| हल्कू चाचा ने कहा कि बेटा ईश्वर ने तुमको
दिल ही नही दिमाग भी दिया है,इसीलिए पहले दिमाग से सोचो फिर दिल से पूंछो
कि कहीं गलत निर्णय तो नहीं लिया| भोलू ने हल्कू चाचा को प्रणाम करके कहा कि
अब में ऐसा ही करूंगा|
और अगले दिन.........जब भोलू के बिगड़े
साथी मिले तो उन्होंने भोलू को सिगरेट पीने को कहा लिकिन भोलू ने साफ मना कर दिया
और कहा कि आज के बाद मेरे साथ मत खेलना..तुम सब गंदे हो|
आज का खेल-
‘भेद खोलना है उसका जो बैठा है बीच में छुपकर|’
कहानी का सन्देश-
“बुरी बात को हाथ जोड़कर दूर से कहिये न जी न|
दिल से ही नहीं दिमाग से भी सोचो|
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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