मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-21
दिनांक-12/11/2016
समय-11:15am से 11:30am तक
कहानी
का शीर्षक- ‘अव्वल कौन?’
मीना अपनी माँ के साथ,एक
दुकान से भारत का नक्शा खरीद रही है| तभी
चिंटू के पिताजी भी,चिंटू के लिए भारत का नक्शा लेने आते हैं| मीना चिंटू के पिताजी को बताती है, “हमारे स्कूल में एक प्रतियोगिता होने वाली है.....भूगोल से जुड़े सवाल-जबाब
की प्रतियोगिता और उसमें साथ वाले गाँव के दो स्कूल भी हिस्सा लेंगे| इसीलिए बहिन जी ने सभी बच्चों को भारत का नक्शा लाने को कहा है|”
मिठ्ठू चहका, ‘भारत का नक्शा, लाएगी
पूरी कक्षा|’
चिंटू के पापा- (मीना की माँ से) सुन
रही हो बहिन जी....एक और प्रतियोगिता करवा रहे हैं ये स्कूल
वाले| हुंह....बस यही काम रह गया है इनको| मुझे तो ये समझ नहीं आता कि ये सब करने से बच्चे क्या सीखते
हैं और टीचर बच्चों की क्षमता के बारे में क्या समझ पाते हैं? अरे भाई उन्हें चाहिए कि बच्चों की परीक्षा लें, क्योंकि अगर परीक्षा ही
नहीं होगी तो फिर..........|
“नहीं भाईसाहब, परीक्षा के
कारण बच्चों पर बहुत अधिक मानसिक दवाब पड़ता है और पढ़ने-लिखने की इच्छा भी कम हो जाती है| इसीलिए आठवीं कक्षा तक
बच्चों की बोर्ड परीक्षा नहीं होती|” मीना की माँ टोकती हैं| “तभी तो तेअचारों को पता
नहीं लग पाता कौन बच्चों किस विषय में तेज़ है और किस विषय में कमज़ोर|” चिंटू के पापा ने आगे
बात जोड़ी|
मीना की माँ, “नहीं भाईसाहब, बल्कि अध्यापक/ अध्यापिकायें विभिन्न
गतिविधियों,प्रतियोगिताओं,स्कूल कार्य,गृहकार्य आदि के द्वारा
बच्चों के साल बार के प्रदर्शन का मूल्याङ्कन करते हैं जिससे कि उन्हें पता लग सके
कि कौन सा बच्चा किस विषय में कमजोर है ताकि वो उस विषय पे अधिक ध्यान दे सकें|
“लेकिन बहिन
जी परीक्षा ही से.........|”
इससे पहले कि चिंटू के पिताजी कुछ कहते, दुकानदार ने उन्हें
नक्शा निकाल कर दे दिया|
मीना- चाचा जी आप
प्रतियोगिता देखने हमारे स्कूल आयेंगे न|
“हाँ भाई......आ जाऊंगा|” चिंटू के पापा ने कहा|
और फिर
प्रतियोगिता के दिन.....
मास्टर जी उद्घोषणा कर रहे हैं, “प्यारे बच्चों, मीना की टीम है 15 अंक पर,फ़िरोज़ की टीम है 15 अंक पर और अनुराधा की भी टीम भी 15 अंक पर है| अब इस प्रतियोगिता का
आखिरी सवाल...
इन तीनो टीमों को हमने भारत का एक-एक नक्शा दिया है, मैं भारत के पाँच
राज्यों के नाम बोलूँगा और तीनों टीमों को अपने-अपने नक्शों पे निशान लगाके उन राज्यों
की भौगोलिक स्थिति बतानी है और उनकी राजधानियों के नाम भी लिखने हैं|.....तीनों टीमों को उत्तर
देनें के लिए मिलेगा एक मिनट का समय और सही उत्तर देने वाली टीम होगी इस
प्रतियोगिता की विजेता |
....तो ये रहे
पाँच राज्यों के नाम,
1)
महाराष्ट्र
2)
उत्तर प्रदेश
3)
तमिलनाडु
4)
बिहार और
5)
राजस्थान
(पार्श्व
में घड़ी की टिक...टिक ....टिक गूँजने लगती है|)
तीनों टीमें अपने-अपने नक्शों पर नाम
लिखने में जुट गयी| तभी मीना
की बहिन जी ने देखा कि चिंटू के पिताजी भी प्रतियोगिता देखने आये हुए हैं| बहिन जी उनके पास
पहुंची...
बहिन जी-नमस्ते भाईसाहब, मुझे बहुत खुशी हुई कि आप प्रतियोगिता
देखने स्कूल में आये| ‘...ये सब तो
ठीक है बहिन जी, लेकिन मैं
समझता हूँ कि बच्चों की परीक्षा जरुर होनी चाहिए|’ चिंटू के पापा ने कहा|
(बजर की
आवाज़ के साथ मास्टर जी की उद्घोषणा)
देखते है किस-किस टीम ने दिया है सही उत्तर| ...और सही जबाब देनें वाली
वो दो टीमें हैं,....फिरोज की
टीम......,मीना की
टीम|
लेकिन.....लेकिन....लेकिन, अब चूँकि प्रतियोगिता
का विजेता केवल एक ही स्कूल हो सकता है इसलिए प्रतियोगिता को थोडा और बढ़ाना पड़ेगा| मैं मीना और फिरोज, इन दोनों के स्कूल से
दो-दो बच्चों
से गणित और विज्ञान से जुड़े तीन प्रश्न पूछूँगा, जिस स्कूल के बच्चों ने
अधिक सही जवाब दिए वो स्कूल होगा विजेता |
मैं दोनों स्कूलों के अध्यापक/अध्यापिकाओं से निवेदन करूँगा कि वो अपने-अपने स्कूल से दो-दो बच्चों को नामांकित
करें|”
“अब आप समझी
कि मैं आपसे क्यों कह रहा था कि स्कूल में परीक्षा जरुर होनी चाहिए|” चिंटू के पापा तपाक से
बोले, “अगर आप
बच्चों की परीक्षा लेतीं तो आप बहुत आसानी से परीक्षा में पहले और दूसरे स्थान पर
आये बच्चों का नाम इस प्रतियोगिता के लिए दे सकतीं थी|”
इससे पहले मीना की
बहिन जी चिंटू के पिताजी को जवाब दे पातीं .......मीना,दीपू,रानों,गोलू और चिंटू बहिन जी के पास आए|
मीना-बहिन जी, चिंटू गणित में बहुत
तेज़ है और रानों विज्ञान में....|
“हाँ बहिनजी,इसीलिये हमें चिंटू और
रानों को नामांकित करना चाहिए|” बच्चों ने कहा|
मास्टर जी उद्घोषणा करते हैं,
फिरोज के स्कूल से भाग लेंगे अजय और निधि की टीम की टीम और मीना
के स्कूल से आ रही है चिंटू और रानो की टीम
.....
तो इन दोनों टीमों से ये रहा पहला सवाल- 13ₓ13₌ ?
‘169’ चिंटू
जवाब देता है|
.....सही जवाब
देने के लिए मीना के स्कूल को मिलते हैं 5 अंक|
अब अगला सवाल- उस प्रक्रिया का नाम बताइए जिसके कारण
पानी भाप बनके उड़ जाता है|
‘वाष्पीकरण’ अजय और रानों एक साथ
बोले|
...चूँकि अजय
ने जवाब पहले दिया तो फिरोज की स्कूल को मिलते हैं 5अंक|
प्रतियोगिता बहुत ही रोमांचक मोड़ पर आ गयी है.... दोनों टीमों के अंक
बराबर हैं..
अब आज का आखिरी सवाल- उस तारे का क्या नाम है जो बाकी तारों की
तुलना में धरती के सबसे निकट है?
रानो जवाब देती है, “सूरज”
रानो का जवाब बिलकुल सही है|
....और इसी के
साथ प्रतियोगिता जीती है मीना के स्कूल ने|’ मास्टर जी घोषणा करते हैं|
मीना और उसके
स्कूल के बच्चे खुशी से नांचने लगते हैं|
बहिन जी भी बहुत खुश थीं, तभी चिंटू के पिताजी
बहिन जी के पास आये और बोले, ‘बहिन जी, मुझे तो पता ही नहीं था
कि मेरा चिंटू गणित में इतना तेज़ है| मुझे ये देखके बहुत आश्चर्य हुआ की सिर्फ
आपको ही नहीं बच्चों को भी एक दूसरे के बारे में इतना ये पता है कि कौन किस विषय
में तेज है और किस विषय में नहीं?”
बहिन जी बताती हैं, “....क्योंकि हम स्कूल में समय-समय पे ऐसी गतिविधियाँ
कराते रहते हैं जिससे हमें साफ तौर से पता चल जाता है कि कौन सा बच्चा किस विषय
में तेज़ है और किस विषय में बच्चे को अधिक मेहनत की जरूरत है| अगर इतिहास या खेलकूद
के बारे में प्रश्न पूँछे जाते तो मैं निश्चित रूप से सबीना के साथ दीपू का नाम
लेती क्योंकि सबीना इतिहास में बहुत तेज़ है और दीपू खेल-कूद में|”
चिंटू के पापा को अपनी गलत धारणा का एहसास होता है| साथ ही वो सभी बच्चों
को प्रतियोगिता जीतने की बधाई भी देते हैं|
मिठ्ठू भी अपनी तान छेड़ता है, ‘बहुत-बहुत बधाई, सबको खिलाइए मिठाई|’
मीन,मिठ्ठू की
कविता- ‘टीचर देते
हैं बच्चों को अच्छी शिक्षा
इससे बढकर नहीं कोई परीक्षा|’
आज
का गीत-
टन-टन-टन सुनो घंटी
बजी स्कूल की
चलो स्कूल
तुमको पुकारे|
पल-पल-पल रोशनी जो
मिली स्कूल की
जगमगाओगे
तुम बनके तारे टन-टन-टन..............
कॉपी और किताबें सारी स्कूल देगा-स्कूल देगा
यूनिफार्म
भी तुम्हारी स्कूल देगा-स्कूल देगा
स्कूल अब
घर से दूर नहीं है कम हो गए फासले
पहुंचोगे
स्कूल के गेट पर थोडा सा भी जो चले
प्यार और
नरमी से तुमको पढ़ायेंगे टीचर हैं ऐसे भले टन-टन-टन.......................|
टन-टन-टन- ‘शिक्षा मेरा
अधिकार है’
आज का खेल- ‘अक्षरों की अन्त्याक्षरी’
‘अधर’ यानी होंठ
Ø ‘अ’- अँधेरा (अँधेरे घर का उजाला)
Ø ‘ ध’- धूल (आँखों में धूल झोंकना)
Ø ‘र’- राह (राह दिखाना)
कहानी का सन्देश- हर विषय में खूब तेज़ बनना, खूब मेहनत करना ताकि
जीवन की हर प्रतियोगिता में प्रथम आ सकें,प्रथम यानी अव्वल नम्बर|
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
Post a Comment