मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-58

आज की कहानी का शीर्षक- “सुर लगाओ”
    लाला जी- काम का न काज का दुश्मन अनाज का दो घंटे से कह रहा हूँ तेल के कनस्तर उठा कर इधर से उधर रख दे। सुनाई देता है तुझे या नहीं ठीक से?
सुन्दर- जा रहा हूँ लाला जी । बहुत भारी है अकेले नहीं हो रहा मुझसे।
लाला-अकेले खा तो लेता है न?
(दूकान पर सामान लेने आया एक आदमी)
आदमी-लाला जी ,.....बच्चा है, आराम से,....गधे का बोझ डालोगे तो कैसे......?
लाला -देखो जी तुम अपने काम से काम रखो अगर बहुत रहम आ रहा है तो गोद ले लो न?
आदमी- वैसे लाला जी ये लड़का आपके गोलू की ही उम्र का है ये छोरा कोई दसेक बरस का है
लाला-तुम फिर शुरु हो गए। शक्ल देखी है मेरे गोलू की एकदम राजकुमार लगता है, स्कूल जाता है,अव्वल नंबर लाता है ।इस भिखमंगे से मिला रहे हो।वो तो इसके माँ-बाप आ गए हाथ बांधे क़ि रख लो बच्चे को दुकान पर ।दो वक्त की रोटी मिल जाएँगी।एक तो काम दो ,ऊपर से लोगो के प्रवचन सुनो।
आदमी-बुरा मत मानना लालाजी 14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम करवाना जुर्म है जेल भी हो सकती है।
      तभी मीना और गोलू दोनों लाला जी की दुकान पर पहुंचते हैं,............दोनों लालाजी को से नमस्ते करते है
लाला- नमस्ते, हो गयी आज की पढ़ाई?
गोलू- आज मास्टर जी ने 12 का पहाड़ा सिखाया ।
लाला सुन्दर को डाटता है, ‘.....क्या देख रहा है, कुछ काम नहीं है क्या?
       मीना के समझाने पर लाला उसे झड़प देता है।


अगली सुबह जब गोलू मीना से मिला ....
गोलू- सुन्दर को पिताजी जब डाँटते है मुझे बिल्कुब अच्छा नहीं लगता।
मीना- हाँ गोलू। इस तरह की डांट फटकार बिल्कुब ठीक नहीं ।
गोलू- पर क्या करें?
मीना-वैसे मैंने उस दिन एक आदमी को कहते सुना था क़ि 14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम करवाना जुर्म है जेल भी हो सकती है।
गोलू- नहीं नहीं ,मुझे अपने बाबूजी को जेल नहीं भिजवाना।
(मीना और गोलू लालाजी को चिरौंजी सेठ से बात करते सुना।)
लाला- अरे चिरोंजी तुम फिक्र मत करो लड़का भेजता हूँ तुमारा सारा सामान गाड़ी पर चढ़ा देगा।
चिरोंजी- आदमी मजबूत है न, तुम्हारा ?
लाला- हाँ ,मजबूत है, नाम सुन्दर है उसका,कल रविवार है सुबह- सुबह पहुंच जायेगा।
मीना- लो सुन्दर पर एक और मुसीबत आने वाली है।
गोलू- तो अब क्या करे मीना?
मीना- अब तो कुछ करना पड़ेगा।
(अगले दिन चिरोंजी की दुकान पर चावल की बोरिया गाड़ी पर लादी जा रही थी)
चिरोंजी- अरे संभल के लड़के ।बोरिया गिर गयी तो फट जाएँगी और चावल जमींन पर गिर जायेंगे।
लाला- अरे चिरोंजी हो गया सारा काम?
चिरोंजी- कहाँ हुआ काम ? ये किस बच्चे को भेज दिया।
बोरे उठाये दम निकल रहा है इसका।
लाला - क्यों सुन्दर?
(लाला घबराते हुए कहता है कि चिरोंजी ये तुमने किस को काम पर लगा लिया।)
चिरोंजी- क्यों तुमने ही तो भेजा था इसे?
लाला- ये सुन्दर थोड़ी ही है ये मेरा बेटा गोलू है। वजन उठा के कैसा मुह निकल आया है छोरे का? हाय! अभी हड्डी टूट जाती तो?

चिरोंजी- पर इसने तो अपना नाम सुन्दर ही बताया था। और न ही मैं सुन्दर को जानता हूँ और न ही तुमरे बेटे गोलू को।
चिरोंजी- अगर लड़का तुम्हारे लडके गोलू की उम्र का है तो उसे स्कूल जाना चाहिए । काम करने की उम्र नहीं है उसकी।
गोलू- हमें माफ़ करना पिताजी ये सब मैंने और मीना ने मिलकर किया था।
सरपंच-लाला जी सच तो ये भी है 14 साल के कम उम्र के बच्चे से काम कराना गैरकानूनी है।
लाला- हाँ सरपंच जी । अपने दुख से जानी ये पराये मन की पीड़। गोलू को तकलीफ में देखकर सब समझ गया मैं। सुन्दर को कल से ही स्कूल भेजता हूँ। सभी हँसते है।
आज का गाना-

खिलती हंसी मन में बसी
गीत गुन गुन गाए रे
पवन बहे मन ये कहे
बचपन कभी न जाये रे।
...........................

आज का खेल-  ‘बूझो और ढूंढो’
1.बरेली, बिलासपुर, कानपूर, रायपुर
कौन सा शहर बीच में छिपा है।
उत्तर- रायपुर
2.जयपुर, नागपुर, दिसपुर, कोलकाता
कौन सा शहर बीच में छिपा है।
उत्तर- नागपुर।

आज की कहनी का सन्देश-
“सन्देश-14 साल तक के बच्चे से कम कराना बाल अपराध।
पढ़ा लिखा कर में उनको करो देश और शिक्षा का सम्मान”



मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

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