मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-62
आज की कहानी का शीर्षक- “चाक की लड़ाई”
मीना और सुमी मिट्ठू को ........... कच्चा पापड़ पक्का पापड़ बोलना सिखा रही
हैं .......... ( मिट्ठू दोहराता है)। तभी
वहाँ सुमी की माँ आती हैं और सुमी को एक चिट्ठी पढ़ने को कहती हैं। (जरूर यह
तम्हारे मामाजी की होगी, उन्होंने कहा था की यहाँ आने की खबर
चिट्ठी लिखकर देंगे)
(मिट्ठू कच्चा पापड़ पक्का पापड़ दोहराता
है।)
सुमी और मीना अपने दोस्तों के साथ खेलने जाने लगती हैं ........... माँ के
कहने पर की स्कूल का काम कर लो ......... वे यह कहते हुए भाग जाती हैं कि उन्हें स्कूल से कोई काम नहीं मिला है।
माँ:
(सोच में पड़ जाती है कि आज भी कोई गृहकार्य नहीं मिला, भाग
गयी खेलने के लिए, पता नहीं पढ़ाई कब करेगी।)
सुमी के पिताजी: क्या बुदबुदा रही हो
अकेले अकेले, और ये चिट्ठी!
माँ: सुमी से पढ़ने को कही थी, नहीं
पढ़ी और खेलने भाग गयी, पता नहीं आजकल कोई काम नहीं मिल रहा है घर पर करने के लिए, शायद
स्कूल में भी सारा दिन खेलते ही रहते हैं बच्चे।
पिताजी: बच्चे तो खेलेंगे ही न
माँ : मैं कब मना कर रही हूँ, पर
पढ़ाई भी जरूरी है न। एक हफ्ते से बस खेल ही खेल, स्कूल का कोई
काम नहीं।
पिताजी: तो कल जा कर इसकी बहनजी से मिल
क्यों नहीं आती।
माँ: हाँ .....कल सुबह ही मै स्कूल
जाऊँगी।
अगले दिन स्कूल में,
सुमी की माँ को सुमी की क्लास में
बहनजी दिखायी नहीं देती। .............. क्लास में बच्चे लड़ाई कर रहे हैं ,
........ (राधा के बेटे सुनील के रोने की आवाज आती है, उसकी आँख में
चाक लग गयी है), सुमी की माँ, सुनील को अपनी आँख रगड़ने से मना करती है,
और
बच्चों की लड़ाई को रोकती है। उन्हें पता
चलता है की बहनजी इन बच्चों को काम दे कर दूसरी कक्षा में पढाने गयी हैं। वो दीपू
को नर्स बहनजी को बुला कर लाने को कहती हैं, साथ ही सुनील की
माँ राधा को भी बताने को कहती हैं।
तभी वहां बहनजी आ जाती है और कक्षा की हालत, सुनील का रोना
सुन और सुमी की माताजी को वहां पा कर कुछ परेशान हो जाती हैं।
नर्स बहनजी आती हैं, सुनील
की आँख देख कर कहती हैं की वह 1-2 घंटे में ठीक हो जाएगा (क्योंकि चाक
आँख के ऊपर लगी है, यदि अंदर लग जाती तो शायद आँखों की रोशनी चली जाती)
सुनील की माँ भी वहां आ जाती हैं और
पूछती हैं की किसने मारा सुनील को?
सुमी बताती है की दीपू ने चाक मारा |
बच्चों में बहस होने लगती है कि इसने
नहीं उसने चाक मारा ।
मीना कहती है की चाक की लड़ाई सभी कर
रहे थे। गलती उन सभी की है।
बहनजी सभी बच्चों को आधी छुट्टी के लिये क्लास के बाहर भेजती हैं। बहनजी
बताती है की स्कूल में टीचर कम होने के कारण दो - दो कक्षाओं को एक साथ पढाना पर
रहा है, तथा एक कक्षा से दूसरी में आने जाने के कारण बच्चों का नुकसान हो रहा
है। बच्चों को पूरा ध्यान नहीं मिल पा रहा, ध्यान दो
कक्षाओं में बंट गया है।
सभी पूछते हैं की क्या स्कूल में नए
टीचर नहीं आ सकते?
बहनजी: नए टीचर लाने की जिम्मेदारी
प्रशासन की है, ......... मैं
आज ही सरपंच जी और बीएसए जी से बात करती हूँ
और सभी समस्याओं से अवगत कराती हूँ।
आज का
गाना-
रोज स्कूल में
जाऊँगी,बच्चों को पढ़ाऊँगी,
उनकी अच्छी
दोस्त बनूँगी, खेलूंगी खिलाऊँगी|-२
.................................................
जब मैं पढ़ लिख
कर बनूंगी टीचर
................................................
आज का
खेल- ‘कड़ियाँ जोड़
पहेली तोड़’
दूध से इसको रंग
मिला है
नदी किनारे बसा
हुआ है
सात अजूबे में
ये शामिल
दुनिया में
मश्हूर हुआ है|
उत्तर: ताजमहल
आज के कहानी का संदेश:
“जितना जरूरी
शिक्षकों का विद्यालय में होना, उतना ही जरूरी उनका कक्षा में होना।
तभी रुकेगा
बच्चों का शोर और लड़ना, पूरा हो सकेगा उनके पढ़ने का सपना|”
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।
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