मीना की दुनिया - रेडियो प्रसारण
49 - आज की कहानी का शीर्षक- ‘ स्कूल का इंस्पेक्शन’

मीना के स्कूल की छुट्टी होने वाली है।  बहिन जी बताती हैं कि कलेक्टर साहिबा स्कूल का इंस्पेक्शन (निरीक्षण)  करने आयेंगी।
और अगले दिन स्कूल में......सबके कार्यो का बँटवारा किया जाता है-
मिली और कृष्णा- रसोई
मीना गोलू - कमरे के सफाई
दीपू-शौचालय की सफाई

बहिन जी बच्चों के इस कार्य बटवारे से खुश होती हैं।  बहिन जी कहती हैं,चूँकि इंस्पेक्शन शनिवार को है, हम इसका रिहर्सल बुधवार को करेंगे।
और अगले दो दिन बाद, मंगलवार को स्कूल में
मीना शौचालय के नल से पानी टपकता देखती हैं, चूँकि शौचालय की सफाई की जिम्मेदारी दीपू की दी गयी थी............लेकिन दीपू कहता है कि एक-एक बूँद टपकने से क्या होगा?

और अगले दिन ....बहिन जी बारी-बारी से निरीक्षण करती हैं।
(स्कूल के शौचालय का इंस्पेक्शन)
बहिन जी दीपू को शाबाशी देतीं हैं ........जिसने टपकते नल के नीच पानी की बाल्टी रख दी थी।  लेकिन दीपू कहता है कि बाल्टी उसने नहीं रखी! चूंकि बाल्टी मीना ने रखी थी...........मीना को शाबाशी मिलती है।  बहिन जी समझाती है कि बूँद-बूँद से ही बहुत पानी बरबाद हो जाता है।  बहिन जी दीपू को मिस्त्री को लाने भेज देती है।
(रसोई घर की सफाई)
बहिन जी- अरे! वह कृष्णा तुमने तो रसोई को साफ-सुथरा बना दिया है।
कृष्णा- हाँ बहिन जी, ...और सब्जियां भी धुल दी हैं।
मिली-..और वर्तन भी।
(बगीचे का निरीक्षण)
सुनील ने मिलकर बगीचे की अच्छे से सफाई की है साथ ही हर पौधे के सामने उसके नाम की पर्ची भी लगा दी है।
(दीपू पानी की बाल्टी लाने को आवाज़ लगाता है)
बहिन जी समझाती है कि सब्जी धुलने के बाद बचे पानी का इस्तेमाल कैसे किया जाये?...मीना कहती है कि... ये पानी पौधों में दे सकते हैं।
और इंस्पेक्शन के दिन...........
कलेक्टर साहिबा कही हैं कि आपके स्कूल से अधिक साफ सुथरा और सुन्दर स्कूल अभी तक नहीं देखा........पानी बचत की तारीफ की और आगे भी ऐसी ही अपेक्षा की...........शुभकामनाएं दीं।

आज का गीत
‘किसने छोड़ा नलका खुल्ला,
मत कर ये हल्ला गुल्ला ।
टिप-टिप-टिप गिरता पानी,
हमको हर एक बूँद बचानी।
जल्दी नलका बंद करो,
बहता पानी बंद करो।
बहुत कीमती है या पानी,
बंद करो ये नल का पानी।
हमको हर एक बूँद बचानी। ।

चाहे घर हो या स्कूल,
बात ये ना जाना भूल।
पानी की यही कहानी,
हमको हर एक बूँद बचानी।

आज का खेल - ‘दिमाग लगाओ शब्द बनाओ’
शब्द ~ दवात
द- दम
मुहवरा - नाक में दम करना

व-वार
मुहावरा - पीठ पर वार करना

त - तमाशा
मुहावरा-तमाशा देखना


मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिकसे अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है। प्राइमरी का मास्टर एडमिन टीम भी इस अभियान में साथ है और इसके पीछे इनको लिपिबद्ध करने में लगा हुआ है। आशा है आप सभी को यह प्रयास पसंद आयेगा। फ़ेसबुक पर भी आप मीना की दुनिया को Follow कर सकते हैं।  

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
 
Top