जकल हमारे बेसिक शिक्षा विभाग में यक्ष प्रश्न यह खड़ा रहता है की बेसिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कैसे हो शासन-प्रशासन अधिकारी समाज सभी की चिंता में दुबले हो रहे हैं कि गुणवत्ता कैसे सुधरे? नौनिहालों को अधिगम या विषय वस्तु कि समझ क्यों नहीं है? क्या दोषी विद्यालय हैं? अध्यापक हैं, समाज है या नीतियाँ है? मैंने स्वयं विद्यालयों का भ्रमण करके अभिभावकों से बातचीत करके यह निष्कर्ष निकाला की इस सब के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हम सभी दोषी हैं। मैं इस समय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अध्यापन कर रहा हूँ। मेरे पास जब कोई बालक या बालिका कक्षा 6 में नामांकन हेतु आता है तो उनमें से कई अपनी पूर्व कक्षा का कोई भी शिक्षण अधिगम पूर्ण करता नहीं दिखते। उन्हें तो ढंग से अपना नाम लिखना भी नहीं आता पर क्या करें नामांकन तो बढ़ाना ही है तो नाम लिखना पड़ता है। अब हम प्राथमिक विद्यालय का रुख करते हैं वहाँ पहुँचते हैं वहाँ के अध्यापकों वह प्रधानाध्यापकों से बातचीत करते हैं कि इस बच्चे को कक्षा 5 का ज्ञान नहीं है, आप 5 साल में नाम लिखना भी नहीं सिखा पाये। उनका उत्तर होता है सर यह लोग विद्यालय आते ही नहीं हैं अधिगम स्तर कहाँ से ठीक होगा। इसके लिए अभिभावक जिम्मेदार हैं वह इनको विद्यालय भेजते ही नहीं हैं। घर-घर बुलाने से भी नहीं आते कभी यह आ जाता है तो कभी दूसरा आता है जब रेगुलर आते ही नहीं है शैक्षिक स्तर कहाँ से ठीक होगा? अब हम अभिभावकों के पास पहुँचते हैं। भाई इनको विद्यालय क्यों नहीं भेजते जवाब मिलता है यहाँ दो टाइम की रोटी की जुगाड़ में लगे रहते हैं तुम्हें स्कूल की पड़ी है खेती में कितना काम है तुम्हें पता है तुम्हें तो 50,000 मिल जाते तुम्हे पढ़ाइबे कीपरी है ! अब क्या कहें?  हाँ खेती में काम खत्म हो जाता है तब तो पढ़ने भेज देते हैं लड़कन  को और जो रोज जाते हैं उन्हें कौन सा कलेक्टर बनाए दओ। तुम अपना काम करो हमें अपना करने देओ और हाँ अब आए हो तो देखो कोई बच्चा जाय रहो तो स्कूल लये जाओ! अब आप क्या कहेंगे ऐसी मानसिकता पर खैर हमें तो कारण ढूँढने थे। शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन पर कारण निकल कर आए तो सबसे बड़ा कारण शिक्षा के प्रति ग्रामीण अभिभावकों की उदासीनता, दूसरा कारण निर्धनता, तीसरा कारण जागरुकता की कमी, चौथा हमारे कुछ साथी जो विद्यालय जाते ही नहीं। यह समय पर नहीं जाते उनकी वजह से भी समाज में छवि ख़राब है, पाँचवाँ कारण हमारे विद्यालयों का अनाकर्षक होना, छठवाँ कारण बाल मनोविज्ञान के अनुसार पढ़ाई ना होना, सातवाँ पाठ्यक्रम अरुचिकर होना, आठवाँ 24 घंटे निरीक्षण की तलवार लटकना नामाकरण, नौवाँ कारण अधिकारियों का सहयोगात्मक रवैया न होकर सिर्फ अध्यापक से दोहन की मानसिकता, दसवाँ कारण कुछ अध्यापक वर्ग का शिक्षण के प्रति अलगाव ! इन कारणों के निकलकर आने से स्पष्ट है कि शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित होने में कई कारणों का प्रभाव है यदि हमें बेसिक शिक्षा में वास्तव में शैक्षिक गुणवत्ता प्राप्त करनी है तो इन सभी कारणों का निदान करना आवश्यक होगा मेरे अनुसार निदान के तरीके ये हो सकते हैं- 

सर्वप्रथम हमें विद्यालयों का परिवेश आकर्षक बनाना होगा। बच्चों के अनुरूप साज सज्जा करनी होगी, हमें अभिभावकों की शिक्षा के प्रति उदासीनता समाप्त करनी होगी। इसके लिए सभी विभागों जो ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत हैं उनकी मदद लेनी होगी जैसे पल्स पोलियो, स्वच्छ भारत मिशन में सभी का सहयोग लिया जा रहा है। ग्रामीणों को जीवन स्तर सुधारना होगा उन्हें पारंपरिक खेती या खेतिहर मजदूरी से हटके कौशल प्रशिक्षण दिलवाना होगा जिससे वे अपने बच्चों को आर्थिक जरूरतों हेतु न लगाएँ। शैक्षिक जागरूकता शिविरों का जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा आयोजन करवाना होगा।

हमारे जो साथी विद्यालय जाने से कतराते हैं या समय पर नहीं पहुँचते उनकी काउंसिलिंग कराई जाए, दंड से कुछ सुधार नहीं होगा। शिक्षकों, अधिकारियों को बाल मनोविज्ञान के अनुसार शिक्षा देने की व्यवस्था करनी होगी पाठ्यक्रम पूर्ण करने की कराने की मानसिकता बदलनी होगी पाठ्यक्रम रुचि पूर्ण करना होगा जिससे बालकों का मन लगे जो बच्चे विद्यालय ना जाएँ उनको बुलावाटोली बनाकर बुलवाएँ। निरीक्षण सिर्फ उगाही के लिए न हो सहयोगात्मक रवैया अपनाया जाए। कुछ समय के लिए अधिकारी स्वयं भी क्लास लेकर उदाहरण प्रस्तुत करें और अंतिम कार्य जो करना होगा वह यह है जो शिक्षक शिक्षण के प्रति उदासीन है उनको चिन्हित कर उन विद्यालयों या शिक्षकों के बीच ले जाया जाए जो श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं। शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाए उन शिक्षकों को जो उदासीन हैं उनके सामने ही समारोह आयोजित कर पुरस्कृत किया जाए। इन सब बातों को अंगीकार करके हम निश्चित ही बेसिक शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता ठीक कर पाने में समर्थ होंगे, ऐसी मेरी अपेक्षा है !!
सादर धन्यवाद! 

लेखक
अनुपम कौशल,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला बिहारी ,
सैफई, इटावा ।
9457123104

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