आज के समय में, जब सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर अपुष्ट ज्ञान और एजेंडा फैला हुआ है, तो बच्चों में गांधी जी और शास्त्री जी के मूल्यों को विकसित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। 


जब एक शिक्षक को समाज में जिन मूल्यों को लेकर संदेह हो, तो वह बच्चों को उन मूल्यों को सिखाने में असमर्थ होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि शिक्षक का स्वयं का विश्वास और व्यवहार बच्चों के लिए एक आदर्श होता है। यदि शिक्षक स्वयं उन मूल्यों पर अमल नहीं करता है, तो बच्चे भी उन मूल्यों को अपनाने में असमर्थ होंगे।


उदाहरण के लिए, यदि एक शिक्षक को भ्रष्टाचार पर संदेह है, तो वह बच्चों को भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षित करने में असमर्थ होगा। वह बच्चों को यह बताने में सक्षम नहीं होगा कि भ्रष्टाचार क्यों गलत है, और उसे कैसे रोका जा सकता है। इसके अलावा, यदि शिक्षक स्वयं सच नहीं बोलता है, तो वह बच्चों को सच बोलने के महत्व के बारे में सिखाने में असमर्थ होगा।


हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि एक शिक्षक जो समाज में मूल्यों को लेकर संदेह करता है, वह बच्चों को कुछ भी न सिखाए। वह बच्चों को उन मूल्यों के बारे में शिक्षित कर सकता है, लेकिन वह यह भी स्पष्ट कर सकता है कि वह स्वयं उन मूल्यों को लेकर संदेह करता है। वह बच्चों को यह समझाने का प्रयास कर सकता है कि वह मूल्यों को क्यों महत्वपूर्ण मानता है, भले ही वह स्वयं उन पर अमल नहीं करता हो।


हालांकि, शिक्षाशास्त्र और पेडागाजी के अनुसार, शिक्षक निम्नलिखित 10 बिंदुओं का पालन करके बच्चों में इन मूल्यों को विकसित करने में मदद कर सकते हैं:



1️⃣ गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन और कार्यों से बच्चों को परिचित कराएं। बच्चों को इन महान नेताओं के जीवन और कार्यों से परिचित कराने से उन्हें इन मूल्यों को समझने और उनका पालन करने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को इन नेताओं की कहानियां, भाषण, पत्र, और अन्य दस्तावेजों से अवगत करा सकते हैं।


2️⃣ बच्चों को इन मूल्यों के बारे में सोचने और चर्चा करने के अवसर प्रदान करें। बच्चों को इन मूल्यों के बारे में सोचने और चर्चा करने के अवसर प्रदान करने से उन्हें इन मूल्यों की गहराई से समझने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को इन मूल्यों पर आधारित प्रश्न पूछ सकते हैं और उनके विचारों और भावनाओं को सुन सकते हैं।


3️⃣ बच्चों को इन मूल्यों को व्यवहार में लाने के अवसर प्रदान करें। बच्चों को इन मूल्यों को व्यवहार में लाने के अवसर प्रदान करने से उन्हें इन मूल्यों को अपनाने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को इन मूल्यों के आधार पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, जैसे कि दूसरों की मदद करना, पर्यावरण की रक्षा करना, या शांतिपूर्ण समाधान खोजना।


4️⃣ अपने स्वयं के व्यवहार से बच्चों को प्रेरित करें। शिक्षक अपने स्वयं के व्यवहार से बच्चों को प्रेरित कर सकते हैं। यदि शिक्षक स्वयं इन मूल्यों का पालन करते हैं, तो बच्चे उन्हें अपनाने के लिए अधिक प्रेरित होंगे।


5️⃣ बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों और विचारों के बारे में सिखाएं। बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों और विचारों के बारे में सिखाने से उन्हें अपने स्वयं के मूल्यों को समझने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों और विचारों के बारे में कहानियां, भाषण, और अन्य दस्तावेजों से अवगत करा सकते हैं।


6️⃣ बच्चों को आलोचनात्मक सोच और निर्णय लेने के कौशल सिखाएं। बच्चों को आलोचनात्मक सोच और निर्णय लेने के कौशल सिखाना उन्हें अपुष्ट ज्ञान और एजेंडे को पहचानने में मदद करेगा। शिक्षक बच्चों को विभिन्न स्रोतों से जानकारी कैसे प्राप्त करें और उसका मूल्यांकन कैसे करें, यह सिखा सकते हैं।


7️⃣ बच्चों को सकारात्मक और रचनात्मक सोच के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को सकारात्मक और रचनात्मक सोच के लिए प्रोत्साहित करने से उन्हें इन मूल्यों को अपनाने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को समस्याओं को हल करने और नए विचारों को उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।


8️⃣ बच्चों को आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करें। बच्चों को आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करने से उन्हें इन मूल्यों को अपनाने में मदद मिलेगी। शिक्षक बच्चों को उनके अच्छे कामों की सराहना कर सकते हैं और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।


9️⃣ परिवार और समुदाय के साथ सहयोग करें। परिवार और समुदाय के साथ सहयोग करने से बच्चों में इन मूल्यों को विकसित करने में मदद मिलेगी। शिक्षक परिवारों और समुदायों को इन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।


🔟 अपने शिक्षण का लगातार मूल्यांकन करें। अपने शिक्षण को लगातार मूल्यांकन करने से शिक्षक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे बच्चों में इन मूल्यों को विकसित करने में सफल हो रहे हैं। शिक्षक बच्चों के व्यवहार और दृष्टिकोण में बदलाव के लिए देख सकते हैं।


इन 10 बिंदुओं का पालन करके, शिक्षक बच्चों में गांधी जी और शास्त्री जी के मूल्यों को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। ये मूल्य बच्चों को एक बेहतर और अधिक न्यायपूर्ण दुनिया बनाने में मदद करेंगे।



✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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