आखिर क्यों जरूरी है, बच्चों के संपूर्ण व्यक्ति के विकास पर ध्यान देने की? जानिए विस्तार से 


आमतौर पर, लोगों को उनकी उपलब्धियों से अधिक, व्यक्ति के तौर पर उनकी खूबियों को याद किया जाता है। उदाहरण के लिए, हम महात्मा गांधी को उनके सत्याग्रह के लिए याद करते हैं, लेकिन हम उन्हें उनके दयालुता, करुणा और प्रेम जैसे व्यक्तिगत गुणों के लिए भी याद करते हैं। इसी तरह, हम अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके भौतिकी के सिद्धांतों के लिए याद करते हैं, लेकिन हम उन्हें उनके जिज्ञासु स्वभाव, रचनात्मकता और नेतृत्व के गुणों के लिए भी याद करते हैं।


इससे पता चलता है कि व्यक्तिगत गुण और मूल्य ही वह हैं जो हमारे बाद भी बना रहते हैं। ये गुण और मूल्य हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं।


इसलिए, स्कूलों को केवल उपलब्धि हासिल करने वाले व्यक्ति के बजाय संपूर्ण व्यक्ति के विकास पर ध्यान देने की ज़रूर है। ऐसा करने से, स्कूल बच्चों को यह सीखने में मदद कर सकते हैं कि वे कैसे एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।


विद्यालयों को संपूर्ण व्यक्ति के विकास पर ध्यान देने के लाभ

विद्यालयों को संपूर्ण व्यक्ति के विकास पर ध्यान देने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:


बच्चों को आत्म-साक्षात्कार और व्यक्तित्व विकास में मदद मिलती है। स्कूल बच्चों को अपने व्यक्तिगत मूल्यों, विश्वासों और लक्ष्यों को समझने में मदद कर सकते हैं। इससे उन्हें अपने जीवन में सार्थक और संतोषजनक तरीके से जीने में मदद मिलती है।

बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। स्कूल बच्चों को दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने, टीम में काम करने और अपने भावनाओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। ये कौशल उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने और दूसरों के साथ सार्थक संबंध बनाने में मदद करते हैं।

बच्चों को जिम्मेदार और नैतिक नागरिक बनने में मदद मिलती है। स्कूल बच्चों को नैतिकता और जिम्मेदारी के महत्व के बारे में सिखा सकते हैं। इससे उन्हें एक बेहतर समाज का निर्माण करने में मदद मिलती है।



विद्यालयों को संपूर्ण व्यक्ति के विकास के लिए क्या कर सकते हैं?

विद्यालय संपूर्ण व्यक्ति के विकास को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:


🔴एक व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करें जो विभिन्न विषयों को शामिल करे। यह बच्चों को अपने कौशल और क्षमताओं को विकसित करने में मदद करेगा।

🔴 विविध गतिविधियों और कार्यक्रमों की पेशकश करें जो बच्चों को विभिन्न तरीकों से सीखने और बढ़ने का मौका दें। यह बच्चों को अपने व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को विकसित करने में मदद करेगा।

🔴 एक सकारात्मक और समर्थक वातावरण बनाएं। इससे बच्चों को सुरक्षित महसूस करने और अपने आप को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

🔴 बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों के साथ सहयोग करें। यह बच्चों के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बनाने में मदद करेगा।



विद्यालयों को संपूर्ण व्यक्ति के विकास पर ध्यान देने की ज़रूरी है। ऐसा करने से, स्कूल बच्चों को यह सीखने में मदद कर सकते हैं कि वे कैसे एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

केवल स्कूल ही संपूर्ण व्यक्ति के विकास में योगदान नहीं दे सकते हैं। परिवार, समुदाय और समाज भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, स्कूलों के पास बच्चों के जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव डालने की क्षमता है।


✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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