जानिए!  बच्चों के शिक्षण में "तुम्हें क्या लगता है?" का जादू



शिक्षण और अधिगम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक और छात्र मिलकर ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया में शिक्षक का मुख्य कार्य छात्रों को जानकारी प्रदान करना और उन्हें सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है। छात्र का मुख्य कार्य जानकारी को समझना और उसे अपनी ज़िंदगी में लागू करना है।


"तुम्हें क्या लगता है?" एक ऐसा प्रश्न है जो छात्रों को सोचने, समझने और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह प्रश्न छात्रों को निम्नलिखित तरीकों से मदद करता है:


❤️ छात्रों की ज़िंदगी और अनुभवों से जुड़ने में मदद करता है: "तुम्हें क्या लगता है?" का प्रश्न छात्रों को अपनी ज़िंदगी और अनुभवों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे उन्हें सीखने की प्रक्रिया में अधिक रुचि और जुड़ाव महसूस होता है।


❤️ छात्रों की समझ को बढ़ाने में मदद करता है: "तुम्हें क्या लगता है?" का प्रश्न छात्रों को जानकारी को समझने और उसे अपनी ज़िंदगी में लागू करने में मदद करता है। जब छात्र अपने विचारों को व्यक्त करते हैं, तो उन्हें अपने विचारों को स्पष्ट रूप से समझने की आवश्यकता होती है। इससे उनकी समझ में सुधार होता है।


❤️ छात्रों के रचनात्मक कौशल को विकसित करने में मदद करता है: "तुम्हें क्या लगता है?" का प्रश्न छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और नई चीज़ें सीखने में मदद करता है। जब छात्र अपने विचारों को व्यक्त करते हैं, तो उन्हें नए विचारों और समाधानों के बारे में सोचने की आवश्यकता होती है। इससे उनके रचनात्मक कौशल का विकास होता है।



शिक्षण और अधिगम के लिए "तुम्हें क्या लगता है?" का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट होता है:


🟣 यह छात्रों को सक्रिय रूप से सीखने में मदद करता है। जब छात्रों को केवल जानकारी सुनाई जाती है, तो वे उसे आसानी से भूल जाते हैं। लेकिन जब उन्हें सोचने और समझने के लिए कहा जाता है, तो वे जानकारी को बेहतर ढंग से याद रखते हैं।

🟣 यह छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने में मदद करता है। जब छात्रों को केवल एक ही सही उत्तर बताया जाता है, तो वे केवल उसी तरह सोचना सीखते हैं। लेकिन जब उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए कहा जाता है, तो वे नए विचारों और समाधानों के बारे में सोचना सीखते हैं।

🟣 यह छात्रों को आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है। जब छात्रों को अपने विचारों को व्यक्त करने का मौका दिया जाता है, तो उन्हें अपनी राय व्यक्त करने में आत्मविश्वास मिलता है। इससे उनकी आत्म-प्रशंसा और आत्मविश्वास बढ़ता है।


"तुम्हें क्या लगता है?" का प्रश्न हर कक्षा और हर विषय में सबसे अधिक पूछा जाना चाहिए। यह प्रश्न छात्रों को सोचने, समझने और सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया अधिक प्रभावी और सफल होती है।



शिक्षण और अधिगम के लिए "तुम्हें क्या लगता है?" का उपयोग करने के कुछ सुझाव:

🔵 कक्षा में विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछें। केवल बंद प्रश्न नहीं पूछें, बल्कि खुले प्रश्न भी पूछें। खुले प्रश्न छात्रों को अधिक सोचने और समझने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

🔵 छात्रों के सभी विचारों को सम्मान करें। भले ही आपको कोई विचार सही न लगे, लेकिन उसे सम्मानपूर्वक सुनें। इससे छात्रों को अपनी राय व्यक्त करने में प्रोत्साहन मिलेगा।

🔵 छात्रों को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में मदद करें। यदि कोई छात्र अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं कर पा रहा है, तो उसे मदद करें। इससे छात्रों को अपनी समझ को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।



"तुम्हें क्या लगता है?" का प्रश्न एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। शिक्षकों को इस प्रश्न का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए ताकि वे छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकें।



✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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