वायरल होते वीडियोज और आज के सोशल मीडिया के जमाने में शिक्षक कैसे जिएं? पढ़िए समग्र विश्लेषण और जानिए कुछ टिप्स



आज का युग सोशल मीडिया का युग है। हर कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय है, जिसमें शिक्षक भी शामिल हैं। शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होना आम बात हो गई है। इन वीडियो में शिक्षक नृत्य, गायन, हास्य, और अन्य गतिविधियों में व्यस्त दिखते हैं।


शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर दो तरह के विचार हैं। एक विचार यह है कि शिक्षकों को हमेशा गरिमामय तरीके से प्रस्तुत होना चाहिए। दूसरे विचार के अनुसार, शिक्षक भी आम आदमी हैं और उन्हें भी कभी-कभार अपनी व्यक्तिगत रुचियों को सोशल मीडिया पर साझा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।


शिक्षकों की गरिमा पर जोर देने वाले लोगों का तर्क है कि शिक्षक समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बच्चों को शिक्षित करते हैं और उन्हें सही राह दिखाते हैं। इसलिए, शिक्षकों को हमेशा एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत होना चाहिए।


वहीं, शिक्षकों को भी आम आदमी की तरह जीने की छूट देने वालों का तर्क है कि शिक्षक भी इंसान हैं और उनके पास भी मनोरंजन करने का अधिकार है। वे कहते हैं कि शिक्षकों को भी अपनी व्यक्तिगत रुचियों को सोशल मीडिया पर साझा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।


शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर विभाग का रवैया भी अजीब है। अक्सर जब शिक्षकों के किसी वीडियो को लेकर विवाद होता है, तो विभाग कार्यवाही करने की बात कहता है।  लेकिन, विभाग की कार्यवाही अक्सर सस्पेंशन कर औपचारिकता निभाने जैसी रह जाती है। उसकी कोई नीति आज तक समझ नहीं आई। मामला के ठंडा करना जिम्मेदारों की पहली और अन्तिम रणनीति समझ में आती है।


शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं। एक चिंता यह है कि इन वीडियो के कारण शिक्षकों की छवि खराब हो सकती है। दूसरी चिंता यह है कि इन वीडियो का इस्तेमाल शिक्षकों के खिलाफ किया जा सकता है।


शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। शिक्षकों को हमेशा गरिमामय तरीके से प्रस्तुत होना चाहिए, लेकिन उन्हें अपनी व्यक्तिगत रुचियों को सोशल मीडिया पर साझा करने की भी अनुमति दी जानी चाहिए। विभाग को भी शिक्षकों के सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर उचित नीति बनाने की जरूरत है।


यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि शिक्षक अपने सोशल मीडिया पर वीडियो को कैसे साझा करें:


🔴 अपने वीडियो को साझा करने से पहले सोचें कि क्या यह आपकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

🔴 अपने वीडियो को साझा करने से पहले अपने स्कूल या विभाग की नीतियों को जांच लें।

🔴 अपने वीडियो को साझा करने से पहले अपने छात्रों और अभिभावकों के बारे में सोचें।

🔴 अपने वीडियो को साझा करने से पहले अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।


शिक्षकों को अपने सोशल मीडिया पर वीडियो को साझा करते समय इन सुझावों का पालन करना चाहिए ताकि वे अपनी छवि को नुकसान से बचा सकें।



✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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