बेसिक शिक्षक सरकारी कार्यों और योजनाओं के लिए निजी फोन और सिम के प्रयोग करने को मजबूर!  क्या टैबलेट आने से बदलेंगे हालात? एक समग्र विश्लेषण 




उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को सरकारी कार्यों और योजनाओं के लिए निजी फोन और सिम के प्रयोग करने के लिए मजबूर किया है। यह एक गंभीर समस्या है जो शिक्षकों की निजता और सुरक्षा के लिए खतरा है। खासकर महिला शिक्षकों के लिए निजता को लेकर बहुत बड़ा खतरा है। 


सरकार का तर्क है कि यह व्यवस्था शिक्षकों के लिए अधिक सुविधाजनक है। हालांकि, यह तर्क गलत है। निजी फोन और सिम का प्रयोग करने से शिक्षकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।



सबसे पहले, इससे शिक्षकों की निजता का हनन होता है। शिक्षकों को अपने निजी फोन और सिम में कई तरह की निजी जानकारी होती है, जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, पासवर्ड, व्यक्तिगत फोटो और वीडियो आदि। सरकारी काम और निजी काम में अंतर नहीं रख पाने के कारण हर क्षण चूक होने और निजता के खोने का खतरा बना रहता है।


दूसरा, इससे शिक्षकों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होता है। शिक्षकों को अपने निजी फोन और सिम में कई तरह की गोपनीय जानकारी होती है, जैसे कि बच्चों के अभिभावकों की जानकारी, शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारी आदि। इन सभी जानकारीयों का दुरुपयोग लापरवाही या किसी चूक के जरिए संभावित है।


तीसरा, इससे शिक्षकों के काम के बोझ में वृद्धि होती है। शिक्षकों को अपने निजी फोन और सिम में सरकारी कार्यों से संबंधित संदेशों और सूचनाओं की जांच करने के लिए समय निकालना पड़ता है। इससे शिक्षकों के उस समय और ऊर्जा का दुरुपयोग होता है, जोकि घर परिवार और बच्चों के लिए निश्चित रहती है।


सरकार ने हाल ही में स्कूलों में टेबलेट देने का निर्णय लिया है। यह एक अच्छी पहल है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इन टेबलेट में सिम किसका होगा? अगर शिक्षकों को अपने निजी सिम का प्रयोग करना पड़ता है, तो यह समस्या जारी रहेगी।


इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकार इस समस्या का समाधान करे। शिक्षकों को सरकारी कार्यों और योजनाओं के लिए निजी फोन और सिम के प्रयोग करने से मुक्त किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:


⚫  सभी शिक्षकों को सरकारी फोन और सिम उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

⚫  इन फोन और सिम को सरकारी अधिकारियों द्वारा ही नियंत्रित किया जाना चाहिए।

⚫  शिक्षकों की निजता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए।


सरकार को चाहिए कि वह इस समस्या को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द इसका समाधान करे। शिक्षकों की निजता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।



✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित शिक्षक
फतेहपुर

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