शिक्षक! तू एक महान कलाकार


शिक्षक, तू एक महान कलाकार है,
पर तेरे हाथ में कोई साधन नहीं,
बस थोड़ा-बहुत रंग और कैनवास,
और फिर सामने है एक विशाल खालीपन।


तुझे कहा जाता है कि तू बच्चों को पढ़ा,
पर तू खुद पढ़ने के लिए फुर्सत कहाँ पाता है?
तुझे कहा जाता है कि तू बच्चों को सिखा,
पर तू खुद सीखने के लिए कैसे समय निकालता है?


तुझे कहा जाता है कि तू बच्चों को प्रोत्साहित कर,
पर तू खुद प्रोत्साहन कहाँ पाता है?
तुझे कहा जाता है कि तू बच्चों को प्रेरित कर,
पर तू खुद प्रेरणा कहाँ पाता है?


सबको लगता है कि तू सब कुछ कर सकता है,
पर कोई नहीं पूछता कि तू कैसा महसूस करता है?
सबको लगता है कि तू सब कुछ जानता है,
पर कोई नहीं पूछता कि तू क्या जानना चाहता है?


शिक्षक, तू एक महान कलाकार है,
पर तेरे हाथ में कोई साधन नहीं,
बस थोड़ा-बहुत रंग और कैनवास,
और फिर सामने है एक विशाल खालीपन।



✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"

✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित शिक्षक
फतेहपुर



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