ज़िंदगी किताब नहीं है
पढ़ाई-लिखाई और किताबें हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे हमें ज्ञान और कौशल प्रदान करती हैं, जिससे हम अपने जीवन में सफल हो सकते हैं। लेकिन ज़िंदगी किताब नहीं है। किताबें तो बस उसे समझने में मददगार होती हैं। ज़िंदगी में हम कई ऐसे अनुभव करते हैं, जो किताबों में नहीं मिल सकते। इन अनुभवों से हम सीखते हैं और बढ़ते हैं।
एक शिक्षक के रूप में, मैं अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के मूल्यों को भी सिखाता हूं। मैं उन्हें सिखाता हूं कि जीवन में सफल होने के लिए ज्ञान के साथ-साथ अच्छाई और गुण भी जरूरी हैं। मैं उन्हें बताता हूं कि दूसरों की मदद करना, दूसरों के प्रति दयालु होना, और अपने कर्तव्यों का पालन करना ही सच्चा सफलता है।
एक शिक्षक के रूप में मुझे सबसे ज्यादा खुशी अपने विद्यार्थियों की सफलता देखकर होती है। जब मेरे विद्यार्थी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, तो मुझे लगता है कि मेरा जीवन सफल है। जब मैं देखता हूं कि मेरे विद्यार्थी दूसरों की मदद कर रहे हैं, तो मुझे लगता है कि मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया है।
ज़िंदगी में सीखने के लिए कई अवसर हैं
ज़िंदगी में हम हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं। स्कूल, कॉलेज, या नौकरी में सीखने के अलावा, हम जीवन के विभिन्न अनुभवों से भी सीखते हैं। जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो हम उससे सीखते हैं। जब हम किसी सफल व्यक्ति से मिलते हैं, तो हम उससे सीखते हैं। जब हम किसी नई जगह जाते हैं, तो हम उससे सीखते हैं।
ज़िंदगी में सीखने के लिए हमें खुले रहना चाहिए
ज़िंदगी में सीखने के लिए हमें खुले रहना चाहिए। हमें नए विचारों और अनुभवों को स्वीकार करना चाहिए। हमें अपने आस-पास की दुनिया को समझने की कोशिश करनी चाहिए। हमें दूसरों से सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए।
निष्कर्ष
पढ़ाई-लिखाई और किताबें ज़िंदगी में बहुत महत्वपूर्ण हैं। लेकिन ज़िंदगी किताब नहीं है। ज़िंदगी में हम कई ऐसे अनुभव करते हैं, जो किताबों में नहीं मिल सकते। इन अनुभवों से हम सीखते हैं और बढ़ते हैं। एक शिक्षक के रूप में, हमें अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के मूल्यों को भी सिखाना चाहिए। हमें उन्हें सिखाना चाहिए कि ज़िंदगी में सफल होने के लिए ज्ञान के साथ-साथ अच्छाई और गुण भी जरूरी हैं।
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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