शिक्षक की शक्ति
शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति है जो ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। वह समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक का उद्देश्य छात्रों को शिक्षित करना और उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना है।
शिक्षक की शक्ति उसके ज्ञान और कर्तव्यनिष्ठा में निहित है। एक शक्तिशाली शिक्षक वह होता है जो अपने विषय का गहन ज्ञान रखता है और अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए दृढ़ संकल्पित होता है।
शिक्षक की शक्ति तब प्रकट होती है जब वह छात्रों को सही दिशा दिखाता है। वह छात्रों को नैतिक मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारियों और जीवन के लिए आवश्यक कौशलों को सिखाता है।
शिक्षक की शक्ति तब भी प्रकट होती है जब वह सत्ता के सामने खड़ा होता है। वह छात्रों को शोषण और अन्याय से बचाने के लिए लड़ता है।
आज के समय में शिक्षकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की उदासीनता, समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त समस्याएं शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती हैं।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षकों को शक्तिशाली होना चाहिए। उन्हें अपने ज्ञान और कर्तव्यनिष्ठा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें सत्ता के सामने खड़ा होना चाहिए और छात्रों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता
शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो छात्रों के जीवन को बदल देता है। वह छात्रों को ज्ञान, कौशल और जीवन के लिए आवश्यक मूल्य प्रदान करता है।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता। वह एक प्रगतिशील शक्ति है जो समाज में परिवर्तन लाती है। वह एक निर्माणकर्ता है जो छात्रों को एक बेहतर इंसान बनाने के लिए काम करता है।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता। वह एक क्रांतिकारी है जो शोषण और अन्याय के खिलाफ लड़ता है। वह एक सच्चा देशभक्त है जो अपने देश की प्रगति के लिए काम करता है।
शिक्षक एक महान व्यक्ति होता है। वह समाज का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। शिक्षकों के बिना एक सुखी और समृद्ध समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
शिक्षकों को शक्तिशाली बनना चाहिए। उन्हें अपने ज्ञान, कर्तव्यनिष्ठा और साहस के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें छात्रों के हितों की रक्षा करनी चाहिए और समाज में परिवर्तन लाना चाहिए।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होते। वे एक प्रगतिशील शक्ति, एक निर्माणकर्ता और एक क्रांतिकारी होते हैं।
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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