हिचकी : एक ऐसी फिल्म जो बच्चों के साथ शिक्षण और अधिगम के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में मदद कर सकती है, जानिए कैसे?


रानी मुखर्जी की फिल्म "हिचकी" बच्चों के साथ शिक्षण और अधिगम को लेकर कई महत्वपूर्ण पक्षों को उजागर करती है। इनमें से कुछ पक्ष निम्नलिखित हैं:


व्यक्तिगत अंतरों का सम्मान करना: नैना अपने छात्रों की विविधता को समझती है और उनके व्यक्तिगत अंतरों का सम्मान करती है। वह उन तक पहुंचने और उन्हें सीखने के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करती है।


प्रतिभाओं और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना: नैना अपने छात्रों की प्रतिभाओं और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करती है। वह उन्हें अपने मजबूत बिंदुओं पर निर्माण करने और अपनी कमजोरियों को दूर करने में मदद करती है।


सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देना: नैना अपने छात्रों को सहयोग और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह उन्हें एक टीम के रूप में काम करने और एक-दूसरे से सीखने में मदद करती है।


पुनर्बलन और सकारात्मक दृष्टिकोण: नैना अपने छात्रों को नियमित रूप से सकारात्मक प्रतिक्रिया देती है। वह उन्हें अपनी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करती है और उन्हें विश्वास दिलाती है कि वे सफल हो सकते हैं।



इन पक्षों को शिक्षाशास्त्रीय रूप से निम्नलिखित रूप से व्याख्या किया जा सकता है:


व्यक्तिगत अंतरों का सम्मान करना: प्रत्येक छात्र एक अलग व्यक्ति है और उसके अपने सीखने के तरीके होते हैं। शिक्षकों को अपने छात्रों की विविधता को समझने और उनके व्यक्तिगत अंतरों का सम्मान करने की आवश्यकता है।


प्रतिभाओं और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना: प्रत्येक छात्र में कुछ प्रतिभा और क्षमताएं होती हैं। शिक्षकों को अपने छात्रों की प्रतिभाओं और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें विकसित करने में मदद करने की आवश्यकता है।


सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देना: सहयोग और सहयोग सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। शिक्षकों को अपने छात्रों को सहयोग और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।


पुनर्बलन और सकारात्मक दृष्टिकोण: पुनर्बलन और सकारात्मक दृष्टिकोण सीखने को प्रेरित करते हैं। शिक्षकों को अपने छात्रों को नियमित रूप से सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए और उन्हें विश्वास दिलाना चाहिए कि वे सफल हो सकते हैं।



"हिचकी" फिल्म एक प्रेरणादायक कहानी है जो शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के साथ शिक्षण और अधिगम के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में मदद कर सकती है।



✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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